ये हैं दुनिया का सबसे बड़ा घड़ा, भरा जा सकता है इतने 2 हजार लीटर पानी

गर्मियों का सीजन आ चुका है. समय के साथ तकनीक ने इतनी तरक्की कर ली है कि लोग गर्मियों को मात देने के कई तरीके अपनाने लगे हैं. अगर घर के अंदर हैं तो पंखे, कूलर और यहां तक की एयर कंडीशनर के सहारे गर्मी से बचा जा सकता है. बात अगर ठंडे पानी की करें, तो पहले के समय में गर्मियों में कुएं का ठंडा पानी लोगों को सुकून देता था. इसके बाद आई मिट्टी से बने घड़ों की बारी. अब तो फ्रिज के जरिये लोग गर्मी में भी बर्फीले पानी का मजा लेते हैं. लेकिन जो बात मिट्टी के घड़ों में थी, वो फ्रिज के बोतल के पानी में कहां?

आपने आजतक घरों या सड़कों के किनारे लगे प्याऊं में घड़े देखे होंगे. कुछ घटे मटके जैसे होते हैं तो कुछ सुराही. कोई छोटे होते हैं तो कुछ बड़े. कुछ घड़ों में तो अब नल भी लगे आते हैं ताकि पानी निकालने में आसानी हो. लेकिन आज हम आपको जिस घड़े के बारे में बताने जा रहे हैं, वो दुनिया का सबसे बड़ा घड़ा है. जी हां, इस घड़े का आकार इतना बड़ा है कि इसके अंदर दो लीटर तक पानी भरा जा सकता है. लेकिन ये घड़ा आज के दौर का नहीं है. ये घड़े अब से हजारों साल पहले मौजदू थे. खुदाई के दौरान इन्हें बाहर निकाला गया. लोग इतने बड़े घड़े को देखकर हैरान हो गए. एक घड़े का आकार आम घरों में लगी पानी की टंकी के बराबर था.

टैंकर के साइज के घड़े
आपको लग रहा होगा कि टैंकर के साइज के घड़े हो ही नहीं सकते हैं. लेकिन हम मजाक नहीं कर रहे हैं. इतना बड़ा घड़ा आज भी उत्तर प्रदेश के कन्नौज में बने एक म्यूजियम में रखा हुआ है. इसे दुनिया का सबसे बड़ा घड़ा कहा जाता है. इसके अंदर दो हजार लीटर तक पानी भरा जा सकता है. ये आज के दौर में नहीं बना है. इतिहासकारों के मुताबिक़, ये घड़ा करीब दो हजार साल पुराना है. उस समय मौजूद कुषाण वंश में ऐसे घड़ों में पानी स्टोर किया जाता था ताकि वो ठंडे रहे.

हजारों साल से मिट्टी में थे दफ़न
कुषाण वंश के ये घड़े करीब चालीस साल पहले खुदाई में निकले थे. जब इनकी उम्र पर शोध किया गया तो पता चला कि ये 78 ई से 230 ई के बीच के हैं. जिस एरिया में ये घड़े मिले, उसके पास से गंगा नदी गुजरती थी. उसी का पानी इन घड़ों ेमिन स्टोर किया जाता था. खुदाई में कुषाण वंश के दौरान इस्तेमाल कई तरह के बर्तन मिले थे. लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान इन विशाल घड़ों ने खींचा था. इन घड़ों को संभाल कर कन्नौज में बने म्यूजियम में रखा गया है. जो भी यहां इन घड़ों को देखता है हैरान रह जाता है.

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