फिर लगा कंपनियों में ताला, लौटने लगे अपने घर मजदूर…

कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी जद में ले लिया है। हर तरफ खतरा फिर से बढ़ गया है। कोरोना ने ऐसी रफ्तार पकड़ी है कि पिछले साल सिंतबंर अक्टूबर के भी रिकॉर्ड टूट गए हैं। इस साल पहली बार देश में एक दिन में 1 लाख से ज्यादा मरीज मिले। महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, छत्तीसगढ़  और झारखंड में हालात बेकाबू है। सबसे ज्यादा स्थिति महाराष्ट्र की खराब है । महाराष्ट्र में सख्त पाबंदियों के बाद लोग घरों में कैद हैं। ऐसे में फिर से पिछले साल वाली स्थिति बन गई है। महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने घर लौट रहे हैं। उत्तर भारत की सभी ट्रेनों में इस वक्त सीट नहीं मिल रही है। 

उत्तर भारत की ट्रेनों में रिजर्वेशन नहीं
पिछले 10 दिनों से उत्तर भारत जाने वाली सभी ट्रेनों की बुकिंग रिग्रेट बता रही हैं। हालांकि रेलवे की ओर से कई स्पेशल ट्रेनें बढ़ाई गई है , लेकिन भीड़ कम नहीं हो रही है। दरअसल, स्टेशन परिसर में आरक्षित टिकट वाले को आने और ट्रेन में सफर करने की इजाजत दी गई है।लेकिन एक सच ये भी है कि कोरोना से पहले जितनी भी ट्रेनें चल रही थी उसके मुकाबले अभी आधी भी नहीं चल रही है।   

मजदूरों के लौटने से कंपनी मालिक चिंतित
कोरोना के बढ़ते मामले और सख्त पाबंदियों के बीच मजदूर फिर से अपने-अपने गांव लौटने लगे हैं। मजदूरों को डर लगने लगा कि है हालात फिर से कही पिछले साल जैसे ना हो जाए।  मजदूरों की इस पलायन को देखकर महाराष्ट्र के कंपनी मालिकों के होथ उड़ गए हैं। मजदूरों के लौटने से कंपनियों के प्रोडक्शन और सप्लाई पर बुरा असर पड़ेगा। मालिकों को डर है कि अगर ये मजदूर अपने-अपने घर लौट गए तो कंपनी में ताला लटक जाएगा। 

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