अब बड़े पर्दे पर गूंजेगा वाजपेयी का संकल्प गान!

हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग छवि बनाने में कामयाब रहे निर्माता विनोद भानुशाली की इन दिनों पांचों अंगुलियां घी में हैं। साल की सबसे बेहतरीन फिल्मों में उनकी फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ नंबर वन चल रही है और अगले साल सबसे ज्यादा प्रतीक्षित फिल्मों में भी उनकी ही फिल्म ‘मैं अटल हूं’ ही अव्वल नंबर है। बायोपिक के बाजीगर बनते जा रहे विनोद भानुशाली के तरकश में अभी ‘शेर सिंह राणा’ का तीर तो बाकी ही है, वह दो-तीन और ऐसी ही कहानियों पर काम शुरू कर चुके हैं, जिनकी जानकारी बहुत जल्द सामने आने वाली है।

इन दिनों विनोद भानुशाली के दिन रात सब उस फिल्म के लिए समर्पित है, जिसकी तरफ देश की तीन पीढ़ियां टकटकी लगाए देख रही हैं। फिल्म है, देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बायोपिक ‘मैं अटल हूं’। पंकज त्रिपाठी ने फिल्म में वाजपेयी के किरदार में जो जादू जगाया है, उसके चर्चे अभी से दुनिया भर में हैं। खुद पंकज बताते हैं, ‘मैं हाल ही में बिहार में था। अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए। लोग दुख जताने तो आ ही रहे थे, लेकिन किसी भी पार्टी का नेता हो, अधिकारी हो या आम इंसान हो, सब एक सवाल जाते जाते जरूर पूछ लेते थे कि भैया वह अटल वाली पिक्चर कब आ रही है?’

इधर, मुंबई स्थित भानुशाली स्टूडियोज में फिल्म ‘मैं अटल हूं’ पर कई विभागों में काम जारी है। कहीं फिल्म की एडिटिंग हो रही है, कहीं इसका बैकग्राउंड म्यूजिक तैयार हो रहा है तो फिल्म का संगीत विभाग स्वंय अटल बिहारी वाजपेयी के लिखे उन गीतों पर काम कर रहा है जिन्हें इस फिल्म में शामिल किया जाना है। वाजपेयी के कवि हृदय पर खास फोकस करने वाली इस फिल्म में उनका जो संकल्प गान गूंजने वाला है, वह कुछ इस तरह शुरू होता है…
“मैं शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार-क्षार
डमरू की वह प्रलय-ध्वनि हूं जिसमें नचता भीषण संहार
रणचण्डी की अतृप्त प्यास, मैं दुर्गा का उन्मत्त हास
मैं यम की प्रलयंकर पुकार, जलते मरघट का धुआंधार
फिर अन्तरतम की ज्वाला से, जगती में आग लगा दूं मैं
यदि धधक उठे जल, थल, अम्बर, जड़, चेतन तो कैसा विस्मय?
हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचय!”

अटल बिहारी वाजपेयी, पंकज त्रिपाठी – फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
यही वह गीत है जिसे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का तेजोमयी रूप दिखाने के लिए अक्सर मंचों पर गाया जाता है और यह गीत अब बहुत जल्द दुनिया भर के सिनेमाघरों में भी बजने जा रहा रहा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे और फिर पहले भारतीय जनसंघ और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाने वाले जननेता अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनकथा पर बनी फिल्म “मैं अटल हूं” में वाजपेयी रचित ये गीत भी कहानी के एक प्रमुख पड़ाव पर शामिल किया गया है और इसकी संगीत रचना इन दिनों मुंबई में कुछ दिग्गज संगीतकार और गायक मिलकर कर रहे हैं।
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फिल्म “मैं अटल हूं” के निर्देशक रवि जाधव अपनी इस फिल्म की कथावस्तु और इसके प्रस्तुतीकरण को हालांकि बहुत गोपनीय बनाए हुए हैं लेकिन जिन लोगों ने भी फिल्म के रशेज अभी तक देखे हैं, वे इसके निर्माता विनोद भानुशाली की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। विनोद की पिछली फिल्म “सिर्फ एक बंदा काफी है” को लगातार पुरस्कार मिल रहे हैं। राजस्थान के वकील पी सी सोलंकी की इस बायोपिक में आसाराम बापू केस को कथा का मुख्य आधार बनाया गया है। इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाने वाले मनोज बाजपेयी को अब तक कई पुरस्कार मिल चुके हैं। और, फिल्म “मैं अटल हूं” की टीम का मानना है कि ऐसा ही कुछ इस फिल्म की रिलीज के बाद इसमें अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका निभा रहे पंकज त्रिपाठी के साथ होने वाला है।

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