इन गलतियों से हुई केरल की त्रासदी, 7 साल पहले ही मिली थी चेतावनी
केरल में मानसून के दौरान अन्य राज्यों की तुलना में अधिक बारिश होना सामान्य बात है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक इस साल केरल में कम दबाव के कारण सामान्य से 37% ज्यादा बारिश हुई है। पर्यावरण वैज्ञानिक इस आपदा के लिए राज्य में तेजी से हुई वनों की कटाई और पारिस्थितिक रूप से नाजुक पर्वत श्रृंखलाओं की देखभाल में सरकार की विफलता को जिम्मेदार बता रहे हैं।
17 दिन में 170% ज्यादा बारिश, राज्य के 36 बड़े डैम के सभी फाटक खोले, 10 दिन में 194 मौत
इकोलॉजिस्ट पैनल ने 2011 में नदियों के पास खनन और अवैध निर्माण बंद करने को कहा था
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन का कहना है कि राज्य की स्थिति इतनी ज्यादा खराब होने के लिए पड़ोसी राज्यों की सरकारें भी जिम्मेदार हैं। हाल में विजयन और तमिलनाडु के सीएम पलानीसामी के बीच बांध से पानी छोड़े जाने को लेकर कहासुनी भी हुई थी। तमिलनाडु ने 20 अगस्त को एक और डैम से पानी छोड़ने का ऐलान किया है। इकोलॉजिस्ट माधव गाडगिल ने शनिवार को दावा किया कि केरल में भीषण बाढ़ और भूस्खलन की त्रासदी मानव निर्मित है।
पर्यावरण वैज्ञानिक आपदा के लिए राज्य में तेजी से हुई पेड़ों की कटाई को बड़ी वजह बता रहे हैं
वेस्टर्न घाटस ईकोलॉजी एक्सपर्ट पैनल के प्रमुख रह चुके गाडगिल ने कहा कि नदियों के इलाके में अवैध निर्माण और पत्थरों के अनधिकृत खनन ने इस समस्या को विकराल बनाया है। सरकार द्वारा गठित इस पैनल ने 2011 में सौंपी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि पश्चिमी घाट के तहत आने वाले केरल के कई हिस्सों को ईकोलॉजी के लिहाज से संवेदनशील घोषित किया जाना चाहिए। हालांकि, राज्य सरकार ने इन सिफारिशों का विरोध किया था। गाडगिल ने कहा कि केरल में इस मौसम में हुई बारिश की मात्रा पूरी तरह अप्रत्याशित नहीं है, लेकिन इस बार हुई तबाही पहले कभी देखने को नहीं मिली।
राहत और बचाव
25 करोड़ रुपए सबसे ज्यादा तेलंगाना ने दिए हैं।
आम आदमी पार्टी के सभी विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री केरल को अपना एक-एक महीने का वेतन देंगे।
20 करोड़ रुपए महाराष्ट्र, यूपी ने 15 करोड़ दिए।
बिहार, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और आंध्र प्रदेश ने 10-10 करोड़, तमिलनाडु, झारखंड और ओडिशा ने 5-5 करोड़ रुपए की मदद दी है।
40 हजार हेक्टेयर फसल तबाह हो चुकी है।
सभी मोबाइल ऑपरेटरों ने केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त एसएमएस और डेटा सेवाओं की पेशकश की है।
पंजाब ने एक लाख खाने के पैकेट और गुजरात ने पीने का पानी भेजा
सीएम ने स्थिति खराब होने के लिए पड़ोसी राज्यों को भी जिम्मेदार बताया
तमिलनाडु सरकार केरल को चावल, दूध, दूध पाउडर, चादर, कपड़े और दवाइयां भेजेगी। पंजाब ने एक लाख खाने के पैकेट से भरे ट्रक रवाना किए। कोचीन पोर्ट ट्रस्ट ने भी 5 कंटेनर रवाना किए। केरल भेजी जाने वाली सभी राहत सामग्री को रेलवे मुफ्त में पहुंचाएगा। पीने के पानी का इंतजाम करने के लिए पुणे से 14 ट्रेन भेजी गई हैं। गुजरात से भी 15 ट्रेन भेजी जा रही। ओडिशा ने 76 पावर बोट्स और 275 दमकल कर्मचारी केरल भेजे हैं।