टीचर ने शॉर्ट्स पहनकर आने से रोका, भड़क गया 13 साल का बच्चा, लड़कियों की स्कर्ट पहनकर आ गया स्कूल
गर्मी के दिनों में एसी-कूलर वाले कमरों से बाहर निकलकर काम पर जाना बड़ा ही मुश्किल होता है. फिर चाहे बच्चे हों या बड़े, हर कोई चाहता है कि उसे ऑफिस या स्कूल जाने में सहूलियत मिले. पर ऑफिस में जहां लोग अपने मन-मर्जी से कपड़े पहन सकते हैं, स्कूल में नियम के अनुसार ही कपड़े पहनने पड़ते हैं. इंग्लैंड के एक स्कूल (Boy wear skirt to school) में भी नियम था कि छात्र-छात्राएं शॉर्ट्स पहनकर नहीं आ सकते. गर्मी ज्यादा पड़ रही थी और एक 13 साल के बच्चे ने फैसला किया कि वो शॉर्ट्स में ही जाएगा. मगर जब उसे टीचर ने आने से मना कर दिया, तो उसने विद्रोह जताने के लिए ऐसा काम किया कि सब हैरान हो गए. लड़का, लड़कियों की स्कर्ट पहनकर स्कूल पहुंच गया.
डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार ये मामला पिछले साल जून का है. मैनचेस्टर (Manchester, England) में एक स्कूल है, मार्पल हॉल स्कूल. स्कूल की ओर से छात्रों को यूनिफॉर्म के लिए एक लेटर भेजा गया था. लेटर में लिखा था कि जो छात्राएं स्कर्ट यूनिफॉर्म पहनती हैं, वो उसके नीचे टाइट्स या फिर लंबे मोजे में से कुछ पहन सकती हैं क्योंकि जून में गर्मी बहुत है तो वो उसके अनुसार अपने कपड़ों में बदलाव कर सकती हैं. हालांकि, लेटर में लड़कों की यूनिफॉर्म को लेकर कोई परिवर्तन नहीं किया गया था.
शॉर्ट्स पहनकर जाने पर बच्चे को स्कूल से लौटाया
मैनचेस्टर ईवनिंग न्यूज वेबसाइट के अनुसार 13 साल के बच्चे बोधी के घर पर भी यही लेटर गया. दो मौकों पर उसने अपने यूनिफॉर्म को गर्मी के हिसाब से बदला, मगर दोनों बार उसे गलत यूनिफॉर्म की वजह से घर लौटा दिया गया. बोधी की बड़ी बहन, 20 साल की टेलर गिलन ने न्यूज वेबसाइट को बताया कि एक दिन लड़का अपने ब्लेजर के बिना स्कूल गया था, मगर उसे ये कहकर घर भेज दिया गया कि वो उसे पहनकर लौटे. उस दिन 30 डिग्री सेल्सियस तापमान था और ब्लेजर ले जाने की आवश्यकता नहीं थी.
बच्चा स्कर्ट पहनकर पहुंचा स्कूल
फिर एक दिन बच्चा अपनी ट्राउजर की जगह शॉर्ट्स पहनकर चला गया क्योंकि गर्मी काफी ज्यादा थी. उस दिन भी उसे लौटा दिया गया. गर्मी की वजह से माता-पिता को फिर स्कूल की ओर से नया मेल आ चुका था, जिसमें लड़कियों के लिए बिना टाइट शॉर्ट्स पहनकर आने की छूट थी, साथ ही छोटे मोजे पहनने की अनुमति भी उन्हें मिल गई थी. बच्चे को लगा था कि उसे भी ये छूट मिलनी चाहिए. जब उसे स्कूल से दूसरी बार लौटाया गया तो वो भड़क गया और उसने अपनी मां से लड़कियों की स्कर्ट मंगवाने को कहा, क्योंकि गर्मी की वजह से वो स्कर्ट पहनकर जाना चाहता था, जिसके नीचे शॉर्ट्स पहनने की जरूरत नहीं थी.
दूसरे बच्चों ने भी शुरू किया स्कर्ट पहनना
बस फिर क्या था, वो एक दिन स्कर्ट पहनकर गया. उसके बाद स्कूल में कोई टीचर उसे टोक नहीं पाई क्योंकि उसने यूनिफॉर्म पहनी थी और नियम के अनुसार ये नहीं तय था कि स्कर्ट सिर्फ लड़कियां ही पहन सकती थीं, लड़के नहीं! बाद में स्कूल ने अपनी ओर से जारी बयान में साफ किया कि वो हर छात्र को एक बराबर सहूलियत देना चाहते हैं, मगर सिर्फ शॉर्ट्स पहनना यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है, और वो चाहते हैं कि छात्र यूनिफॉर्म के अनुसार ही स्कूल आएं. बोधी को देखकर कुछ और छात्रों ने भी स्कर्ट पहनना शुरू कर दिया था.