तालिबान ने कई महंगे हथियारों पर किया कब्जा, बढ़ी ताकत…

अफगानिस्तान को लेकर पूरी दुनिया को जिस बात का डर था, वो डर आखिरकार रविवार (15 अगस्त) को सच साबित हुआ और काबुल पर कब्जे के साथ ही अफगानिस्तान में 20 साल बाद तालिबान का फिर से राज हो गया. तालिबान की वापसी (Taliban Returns) के बाद काबुल समेत पूरे अफगानिस्तान में त्राहिमाम की स्थिति है और हालात बेहद डरावने हो चुके हैं.

तालिबान ने कई महंगे हथियारों पर किया कब्जा

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा अमेरिका और नाटो सैनिकों की पूरी तरह से वापसी के कुछ हफ्ते पहले हुआ है. इस दौरान तालिबानी लड़ाकों (Talibani Fighters) ने राइफल्स, बॉडी आर्मर सूट, चॉपर्स और कुछ महंगे हथियारों को हथिया लिया. इसके बाद तालिबान के बाद कई खतरनाक हथियार मौजूद हैं

तालिबान ने इन हथियारों पर किया कब्जा 

तालिबान लड़ाके फायर आर्म्स और उन वाहनों के साथ घूमते देखा गया हैं, जिनका उपयोग पेंटागन के सैनिकों ने किया था और अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को प्रदान किया था. कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिनमें तालिबानी लड़कों को UH-60 ब्लैक हॉक अटैक हेलीकॉप्टर के साथ दिखाया गया है.

तालिबानी लड़ाकों ने अफगानी मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम के महलनुमा आवास पर भी कब्जा कर लिया, जो दशकों से सुन्नी पश्तून समूह से लड़ रहे हैं. उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ में तालिबान के हमले के दौरान आवास पर कब्जा कर लिया गया था.

अन्य उपकरणों के अलावा तालिबान लड़ाकों ने हेवी मोबिलिटी मल्टीपरपज व्हीलर व्हीकल (HUMVEE), छोटे हथियारों और हल्के हथियारों के साथ-साथ ड्रोन और ग्रेनेड लॉन्चर पर कब्जा कर लिया.

कुछ तालिबान लड़ाकों को रूस निर्मित AK-47 राइफल्स के साथ भी देखा गया. इसके अलावा उन्हें एम4 कार्बाइन और एम16 राइफल्स को भी ले जाते हुए देखा गया.

उत्तरी शहर कुंदुज में आत्मसमर्पण करने वाले अफगान सैनिकों के वीडियो में तालिबानी लड़ाकों को हथियारों और तोपों से लदे सेना के वाहनों पर कब्जा करते देखा गया.

तालिबान ने भारत द्वारा अफगानिस्तान को उपहार में दिए गए एमआई-24 हेलीकॉप्टरों पर भी कब्जा कर लिया. कुंदुज शहर में कुछ लड़ाकों ने हेलिकॉप्टर के ठीक बगल में खड़े होकर तस्वीरें क्लिक कराई थीं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. फोटो में हेलीकॉप्टर के रोटर ब्लेड गायब थे, यह दर्शाता है कि तालिबान को उनका इस्तेमाल करने से रोकने के लिए अफगान बलों ने उन्हें हटा दिया था.

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