तालिबान सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह को लेकर लिया बड़ा यूटर्न, पैसों की बर्बादी का हवाला देकर…

अफगानिस्तान में 20 साल बाद अपनी हुकूमत जमाने वाली तालिबान सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बड़ा यूटर्न लिया है। अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार अब अपना शपथ ग्रहण समारोह आयोजित नहीं करेगी। एक रिपोर्ट की मानें तो तालिबान सरकार ने पैसों की बर्बादी का हवाला देकर शपथ-ग्रहण समारोह को कैंसल कर दिया है। इससे पहले उम्मीद जताई गई थी कि आज यानी 11 सितंबर को तालिबान सरकार शपथ ग्रहण समारोह करेगी। 

इससे पहले रूस की TASS समाचार एजेंसी ने बताया था कि तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी नवगठित अंतरिम सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह को सहयोगियों के दबाव के बाद रद्द कर दिया है। अफगान सरकार के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समांगानी ने ट्विटर पर कहा था कि नई अफगान सरकार का शपथ-ग्रहण समारोह कुछ दिनों पहले रद्द कर दिया गया था। लोगों को और भ्रमित न करने के लिए इस्लामिक अमीरात के नेतृत्व ने कैबिनेट की घोषणा की और यह पहले से ही काम करना शुरू कर दिया है। 

तालिबान ने सरकार गठन से पहले चीन, तुर्की, पाकिस्तान, ईरान, कतर और भारत जैसे पड़ोसी देशों के साथ ही अमेरिका को भी शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया था। तालिबान ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब अधिकतर देशों ने कह दिया है कि वे तालिबान को मान्यता देने में जल्दबाजी नहीं करेंगे। दो बार टालने के बाद तालिबान ने बीते मंगलवार को अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया। हालांकि, रूस ने तालिबान के निमंत्रण को ठुकरा दिया है और कहा है कि वह शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगा।

तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबातुल्लाह अखुंदजादा को सर्वोच्च पद दिया गया है तो मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को पीएम बनाया गया है। मुल्ला बरादर को डिप्टी पीएम का पद दिया गया है। सरकार में हक्कानी नेताओं को भी अहम पद दिया गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ गई है। सरकार में शामिल कई लोग अमेरिका के प्रतिबंधित सूची में हैं। तालिबान ने गुरुवार को इस पर आपत्ति जताते हुए इन नेताओं को प्रतिबंध सूची से बाहर करने को कहा है। 

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