तेजी से पैर पसार रहे ओमिक्रोन की वजह से आइटी को छोड़ अन्य सभी प्रकार के सर्विस सेक्टर की रिकवरी प्रभावित होने की है आशंका

तेजी से पैर पसार रहे ओमिक्रोन की वजह से आइटी को छोड़ अन्य सभी प्रकार के सर्विस सेक्टर की रिकवरी प्रभावित होने की आशंका पैदा हो गई है। ओमिक्रोन संक्रमण की बढ़ती दर से देश के कई राज्यों में फिर से रात्रि कफ्र्यू और कई अन्य प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इसका सीधा असर रिटेल, होटल, रेस्तरां के कारोबार पर पड़ने जा रहा है। पब, स्पा, सिनेमा हाल के कारोबार पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। वैश्विक स्तर पर ओमिक्रोन को फैलता देख निर्यातक भी चालू वित्त वर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) में निर्यात की बढ़ोतरी दर प्रभावित होने की संभावना जाहिर कर रहे हैं।

ओमिक्रोन की वजह से दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्यों में रात्रि कफ्र्यू के साथ कई प्रकार के प्रतिबंध की घोषणा कर दी गई है। रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के सीईओ कुमार राजागोपालन ने बताया कि विभिन्न राज्यों में रात्रि कफ्र्यू से सिर्फ कारोबार ही प्रभावित नहीं होगा बल्कि इससे ग्राहकों पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस साल अक्टूबर और नवंबर में रिटेल बिक्री कोरोना पूर्व यानी कि वर्ष 2019 के अक्टूबर व नवंबर के मुकाबले क्रमश: 14 प्रतिशत और नौ प्रतिशत अधिक थी जो प्रभावित हो सकती है।

पिछले साल के दिसंबर के मुकाबले कम रहेगा कारोबार

नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन आफ इंडिया के मुताबिक सामान्य तौर पर दिसंबर कारोबार के लिहाज से सबसे बढि़या महीना होता है, लेकिन राज्यों की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से दिसंबर का कारोबार वर्ष 2019 से दिसंबर से कम रह जाएगा। महाराष्ट्र में तो रात नौ बजे से ही कफ्र्यू की घोषणा की गई है, इस वजह से इस साल नए साल की पार्टी पर होने वाला कारोबार भी नाममात्र का रह जाएगा।

विभिन्न राज्यों की तरफ से प्रतिबंध की घोषणा का असर होटल उद्योग पर भी दिखा और सोमवार को कई होटल जैसे कि एशियन होटल्स, रगबाइ, कंट्री क्लब, लेमन ट्री, म¨हद्रा होलीडे के शेयर में मामूली गिरावट देखी गई। कारोबारियों के मुताबिक इस प्रकार के प्रतिबंध से साल के अंत में घूमने-फिरने वाले यात्री अपनी योजना को टाल सकते हैं। रात्रि कफ्र्यू की वजह से कैफे काफी डे, बारबेक्यू नेशन, देवायानी इंटरनेशनल के शेयर भाव भी सोमवार को प्रभावित रहे।

वैश्विक कारोबार में कमी से प्रभावित हो सकता है निर्यातभारतीय निर्यातकों का मानना है कि वैश्विक रूप से कोरोना फैलने से फिर से सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है जिससे वस्तुओं की मांग में कमी आ सकती है। फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय के मुताबिक वर्ष 2022 की पहली तिमाही में वैश्विक कारोबार की बढ़ोतरी में नरमी रह सकती है जो हम सभी के लिए ¨चता का विषय है।

निर्यात में बढ़ोतरी जारीदिसंबर के तीसरे सप्ताह में वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 20.83 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। तीसरे सप्ताह में 7.36 अरब डालर का निर्यात किया गया जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 6.09 अरब डालर का निर्यात किया गया था। दिसंबर के पहले तीन सप्ताह में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 36.20 फीसद अधिक निर्यात किया गया।

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