काशी का राजघाट मालवीय पुल की जगह बनेगा नया रेलवे पुल : अश्विनी वैष्णव

350 करोड़ की लागत से नए पुल पर निकलेंगी चार रेलवे लाइन और छह लेन का हाईवे

सुरेश गांधी

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी को संजाने-संवारने की मुहिम में शनिवार को एक और कड़ी जुड़ गयी। देश की प्राचीन धार्मिक नगरी काशी में गंगा पर बना ब्रतानिया काल के 135 साल पुराने राजघाट मालवीय पुल की जगह अब नया पुल बन रहा है। इस पुल पर 4 रेलवे लाइनें और 6 लेन हाईवे होगा। इसके अलावा काशी रेलवे स्टेशन पर घाट बनाए जाएंगे, जिनसे अंतरदेशाीय जलमार्ग को बढ़ावा मिलेगा। स्टेशन के कायाकल्प पर 350 करोड़ रुपये खर्च होंगे। साथ ही गाजीपुर स्थित ताड़ीघाट – गाजीपुर सिटी के मध्य प्रस्तावित हावड़ा – नई दिल्ली रेल सह रोड ब्रिज जल्द ही मूर्तरूप लेगा। यहां, कार्यदायी संस्था 65 से ज्यादा काम कर चुकी है। यह बातें केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहीं। वे आज वाराणसी में इन दोनों परियोजनाओं का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से कहीं।

वैष्णव ने कहा कि काशी बहुत समय से एक महत्वपूर्ण स्टेशन रहा। इसके पुनर्विकास से आसपास के क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव पड़ेगा। वैष्णव ने काशी रेलवे स्टेशन और मालवीय पुल का भी निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी परियोजना में शामिल इस ब्रिज की टाइम लाइन पर उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की जनता को जल्द ही यह सौगात मिलेगी। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद- मुम्बई रूट पर बुलेट ट्रेन का कार्य गति पर है, अध्ययन चल रहा है। इसी तर्ज पर वाराणसी- नई दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की परिकल्पना को साकार किया जाएगा। नए फीचर में लौटी वन्दे भारत एक्सप्रेस में स्लीपर कोच का भी प्रावधान किया जा रहा है। जो लम्बी दूरी के यात्रियों को राहत देगा। रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि काशी रेलवे स्टेशन के पास अंतरदेशीय जलमार्ग के घाट बनाए जाएंगे। इससे क्षेत्र का इंटर-मॉडल विकास होगा। उन्होंने कहा कि नई तकनीक के साथ नई परियोजना शुरू करने पर बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। हर कोई सिस्टम को आत्मसात कर रहा है और उससे सीख रहा है। इस परियोजना के बाद देश भर में नए गलियारों का निर्माण किया जाएगा।

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण का सवाल ही नहीं है। बताया कि सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत में स्लीपर कोच लगाने पर विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे की ओर से वाराणसी में जो भी कार्य चल रहे हैं। उसमें काशी की पौराणिकता और धार्मिक महत्व का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके पूर्व काशी स्टेशन से पूर्व रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सिगनेचर ब्रिज और आईएमएस (इंटर मॉडल स्टेशन) का स्थलीय मुआयना किया। नमो घाट पहुंचे रेलमंत्री ने ब्रिज का व्यू देखा। पड़ाव स्थित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के स्मारक स्थल से भी अवरोध उत्पन्न करने वाले तथ्यों पर अधिकारियो से चर्चा की। इसके उपरांत उन्होंने काशी स्टेशन पर प्रस्तावित आईएमएस का लेआउट देखा। यहां अंग्रेजों के जमाने में बने ब्रिज टॉवर को भी देखा। इस मौके पर शहर उत्तरी विधायक रविंद्र जायसवाल, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, पूर्वाेत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक मिश्र, डीआरएम सुरेश कुमार सपरा, डीआरएम रामश्रय पांडेय इत्यादि अधिकारी मौजूद रहे।

एलईडी लाइटों से सजाए गए रेलवे स्टेशन

रेल मंत्री के दो दिवसीय दौरे का असर रेलवे स्टेशनों पर साफ दिख रहा है। वाराणसी (कैंट), बनारस स्टेशन एलईडी लाइटों से सजाए गए हैं। हालांकि अधिकारी इसे देव दीपावली की तैयारी बता रहे हैं। रेल मंत्री ने कन्वेंशन में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि 2047 तक भारत की अपनी एक अलग पहचान होगी, वह चाहे क्षेत्र रेलवे का हो या फिर संचार का क्षेत्र हो। भारत के पास एक बहुत बड़ा नेटवर्क होने के साथ ही यहां की टेक्नोलॉजी भी अन्य देशों की तुलना में बहुत विकसित है। बीएचयू में आयोजित थिंक इंडिया कन्वेंशन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि नई तकनीक के साथ भारत तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है। नए भारत का निर्माण भी हो रहा है। इसमें युवा वैज्ञानिकों, आईआईटीयन्स की अहम भूमिका है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है दस साल पहले रेल के साथ अन्य क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग नही थी, आज भारत बहुत बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। इस समय भर विश्व का दूसरा मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग करने वाला देश है। अब हम किसी दूसरे देश पर निर्भर नही है बल्कि अन्य देशों को भी मदद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री का विजन है अब इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हो या ट्रेनों में लगने वाले उपकरण की डिजाइन। सब भारत में ही बनेगा। तकनीकी दक्षता के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। इसमे थिंक इंडिया कन्वेंशन जैसे आयोजन अहम भूमिका निभा सकते हैं। कार्यक्रम में आईआईटी बीएचयू निदेशक प्रो.प्रमोद जैन, बरेका जीएम अंजली गोयल, के अलावा देश के विभिन्न तकनीकी संस्थानों के छात्र, रेलवे, संचार मंत्रालय, बीएचयू के शिक्षक,छात्र मौजूद रहे।

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