पंजाब के इस गांव के लोगों ने जो किया वैसा कहीं आैर न हुआ
पंजाब के कपूरथला (पंजाब) के गांव खस्सण के लोगों ने वह कर दिखाया जाे अब तक देश के किसी गांव के लोग नहीं कर सके। इस गांव की पहचान है यहां का आधुनिक सुविधाओं से युक्त सरकारी प्राइमरी व हाई स्कूल। शतप्रतिशत जन सहभागिता से गांव में विकसित यह देश का पहला डिजिटल स्कूल है। गांव के लोगों ने सवा करोड़ की राशि चंदा से जमा कर स्कूल को डिजिटल बना दिया। इसके लिए गांव खस्मण काे सिटीजन चार्टर के आधार पर काम करने के लिए इस वर्ष नाना जी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार से नवाजा गया है। इसका श्रेय खस्सण ग्राम पंचायत और इसके सरपंच डॉ. एनएस कंग को है।
ग्रामीणों ने सवा करोड़ के चंदे से गांव खस्सण के सरकारी स्कूल को बनाया डिजिटल
कंप्यूटर लैब : यहां के इस सरकारी स्कूल में आलीशान कंप्यूटर लैब है, जिसमें 30 कंप्यूटर लगे हुए हैं। गांव के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा बड़े ही सलीके व समर्पित भाव से दी जाती है। विशेष बात यह है कि इस स्कूल में सरकारी तौर पर सिर्फ एक ही कंप्यूटर टीचर है लेकिन सीनियर छात्र भी छोटे बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देते है।
कंग का कहना है, मैं चाहता था कि आम शिक्षा के अलावा बच्चों को कंप्यूटर की भी शिक्षा व्यवस्थित रूप से दी जाए। इसके लिए गांव के प्राइमरी व हाई स्कूल में बदलाव के प्रयास शुरू किए। स्कूल में कंप्यूटर लैब का निर्माण करवाया। ग्रामीणों व गांव और आस-पास से जुड़ाव रखने वाले प्रवासी भारतीयों (एनआरआइ) से चंदा जुटाया।
उन्होंने बताया कि इस तरह अब तक स्कूल पर जन सहयोग से एक करोड़ 21 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। इसमें अमेरिका की सिलिकॉन वैली स्थित जोनीपर नेटवर्क फाउंडेशन का भी भरपूर योगदान रहा। वर्ष 2004 से 2012 तक कुल 34 लाख रुपये की सरकारी ग्रांट भी मिली है। बाकी रकम जनसहयोग से जुटाई गई।