इस देश की सरकार ला रही नया कानून, पति-पत्नी को एक जैसा सरनेम रखना नहीं होगा जरूरी

टोक्यो। जापान में एक कानून के तहत पति और पत्नी को एक ही सरनेम रखना जरूरी होता है। अगर शादी से पहले दोनों के सरनेम अलग हैं तो शादी के बाद किसी एक को समझौता कर दूसरे का सरनेम अपने नाम के आगे लगाना होता है। लेकिन अब वहां रहने वाले पति-पत्नियों को इस कानून से छुटकारा मिल सकता है।

दरअसल, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिडे सुगा ने अपने देश की जनता को आश्वासन दिया है कि वो इस कानून में बदलाव करेंगे और इस बदलाव के प्रति वह समर्पित भी हैं। ऐसा देखा गया है कि एक सरनेम रखने की वजह से पत्नी को ज्यादातर मामलों में समझौता करना पड़ता है और वो पति का सरनेम इस्तेमाल करती हैं। 

बता दें कि जापान में इस कानून को महिला विरोधी कानून माना जाता है। इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खात्मे के लिए बनी संयुक्त राष्ट्र की समिति भी जापान के इस फैसले का समर्थन किया है। हाल ही में जापान में एक सर्वे किया गया था, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि जापान में अधिकतर लोग शादी के बाद भी अपना सरनेम बरकरार रखने के पक्ष में हैं।

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जानकारी के मुताबिक, इस सर्वे में 60 साल से कम उम्र वाले लोगों से सरनेम बदलने के बारे में पूछा गया। इनमें से 70.6 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई तकलीफ नहीं होगी कि उनके पति या पत्नी का सरनेम अलग है। वहीं, सर्वे में यह बात भी सामने आई कि 14.4 फीसदी लोग आज भी यह मानते हैं कि पति और पत्नी का सरनेम एक होना चाहिए।

जापान के प्रधानमंत्री योशिहिडे सुगा का फैसला उनकी अपनी पार्टी एलडीपी से अलग है। पार्टी में रूढ़िवादी सदस्य शामिल हैं, जो इस कानून में बदलाव करने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि पति-पत्नी के अलग सरनेम होने से परिवार की एकता प्रभावित होती है। हालांकि विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है।

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