भरपूर धूप होने के बाद भी क्यों भारतीयों में हो रही Vitamin-D की कमी

Vitamin-D हमारे शरीर के सही विकास के लिए बेहद जरूरी है। यह एक ऐसा विटामिन है जो हड्डियों और मांसपेशियों के विकास और इन्हें मजबूत बनाने में मदद करता है। हालांकि भारत में लगातार कई लोगों के शरीर में इस जरूरी विटामिन की कमी देखने को मिल रही है। भरपूर धूप वाला देश होने के बावजूद इसकी कमी के पीछे कई कारण हैं जिनके बारे में हम यहां जानेंगे।

हमारे शरीर में मौजूद पोषक तत्व शरीर को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। अलग-अलग तरह के ये विटामिन्स और मिनरल्स शरीर में कई तरह के काम करते हैं। विटामिन-डी इन्हीं में से एक है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के विकास और उन्हें मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह विटामिन इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि यह शरीर को कैल्शियम अब्जॉर्ब करने में मदद करता है। साथ ही इम्युनिटी, मसल्स फंक्शन, सेल ग्रोथ में भी काफी मदद करता है।

ऐसे में अगर शरीर में इसकी कमी होती है, तो कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती है, फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है, थकान, कमजोर इम्युनिटी आदि हो सकती है। इससे यह पता चलता है कि शरीर में विटामिन-डी कितना जरूरी है, लेकिन फिर भी हमारे यहां कई लोगों में इस जरूरी विटामिन की कमी पाई जाती है।

हैराना की बात यह है कि भारत में जैसे देश में जहां सूरज की रोशनी की कोई कमी नहीं है, वहां इस विटामिन की कमी होना चिंता का विषय है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में फोर्टिस हॉस्पिटल, फरीदाबाद में न्यूरोलॉजी के निदेशक डॉ. विनित बांगा से जानेंगे कि भरपूर सूरज की रोशनी होने बाद भी आखिर क्यों भारत में होती है लोगों में विटामिन-डी की कमी।

बदलती लाइफस्टाइल
इन दिनों लोगों की लाइफस्टाइल पूरी तरह से बदलने लगी है। खासकर शहरों में लोग अपना ज्यादातर समय घर के अंदर, स्कूल-कॉलेज और ऑफिस में बिताते हैं। ऐसे में उन्हें सूरज की रोशनी में रहने का मौका नहीं मिल पाता है और न ही बाहर किसी तरह की एक्टिविटी पर पाते हैं। इसकी वजह से वह सूरज की सीधी रोशनी के संपर्क में कम आते हैं, जो शरीर के लिए नेचुरली विटामिन डी प्रोड्यूस करने के लिए जरूरी है।

इसके अलावा कई जगहों पर सांस्कृतिक प्रथाएं, जैसे शरीर के ज्यादातर हिस्सों को ढकने वाले कपड़े पहनना और सनस्क्रीन का बढ़ता इस्तेमाल भी सूर्य के संपर्क में आने को सीमिच कर देता है, जिससे शरीर में इस विटामिन की कमी हो सकती है।

प्रदूषण से भी है बड़ी वजह
इन दिनों शहरों में बढ़ता वायु प्रदूषण भी विटामिन-डी की कमी का एक बड़ा कारण है।

धूल, धुंध और धुएं का हाई लेवल यूवी किरणों को रोकता है, जो विटामिन डी बनाने के लिए जरूरी है। इतना ही नहीं अगर कोई प्रदूषित शहरों में बाहर समय भी बिताता है, तो भी उसके शरीर में विटामिन-डी प्रोड्यूस नहीं हो पाता है।

डार्क स्किन टोन भी है एक कारण है
हाई मेलेनिन लेवल के कारण भारतीयों की स्किन का रंग डार्क होता है, जो शरीर को हानिकारक यूवी किरणों से बचाता है, लेकिन इसकी वजह से त्वचा की यूवीबी किरणों को अब्जॉर्ब करने की क्षमता को भी कम कर देता है।

डाइट में विटामिन डी रिच फूड्स की कमी
सूरज की रोशनी के अलावा विटामिन-डी की कमी दूर करने के लिए कुछ फूड्स को डाइट में शामिल करना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में डाइट में विटामिन डी से भरपूर फूड्स जैसे फैटी फिश, एग योक फोर्टिफाइड डेयरी प्रोडक्ट्स की कमी की वजह से भी शरीर में इस जरूरी विटामिन की कमी हो सकती है।

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