स्कूलों को मर्ज करने से पहले छात्रों को हरियाणा सरकार का तोहफा, पढ़े पूरी खबर

चंडीगढ़ : हरियाणा के 832 प्राइमरी स्कूलों को मर्ज करने से पहले अब सरकार ने बच्चों को निःशुल्क वाहन सुविधा देने का प्रारूप तैयार कर लिया है। इसमें 3 किलोमीटर की दूरी वाले सभी बच्चों को स्कूलों की ओर से वाहन सुविधा मुहैया मुहैया करवाई जाएगी। इसके लिए स्कूल मुखिया और मैनेजमैंट कमेटी को अधिकृत किया गया है।

अहम यह है कि विभाग की ओर से वाहन खर्च के लिए अलग से स्कूल के खातों में पैसे दिए जाएंगे। वाहनों को किराए पर लेने का काम स्कूल मुखिया का होगा जिसमें हरियाणा रोडवेज की बसों से लेकर ऑटो तक शामिल किए जाएंगे। परिवहन सुविधा को जल्द से जल्द सिरे चढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की ओर से सभी निदेशकों सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो अगले महीने से बच्चों को यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने कई माह पहले जिलास्तर पर उन स्कूलों की जानकारी मांगी थी, जहां पर 20 से कम छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। अब प्रदेश में 20 से कम छात्र संख्या वाले 832 प्राइमरी स्कूलों की पहचान हुई है। इन बच्चों को पास के 1 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। स्कूलों के मर्ज करने के फैसले को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने ऐसे बच्चों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने का ऐलान किया था।

सरकारी स्कूलों में जल्द मिलेंगे 8 हजार नए शिक्षक
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जल्द ही 8 हजार नए पी.जी.टी. और टी.जी.टी. टीचर मिल जाएंगे। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार हरियाणा कौशल रोजगार निगमएच. के. आर.एन.एल. के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति की है। वहीं इससे पहले विभाग की ओर से रिटायर्ड टीचरों को भी दोबारा से रखा गया है। स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या के पीछे शिक्षकों की कमी होना बताया गया है। जानकारी के मुताबिक स्कूल में पढ़ने वालों बच्चों की संख्या में लगातार हो रही कमी के पीछे की वजह यह है कि कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पर शिक्षकों की कमी है। जिससे सभी बच्चों का ध्यान टीचर नहीं दे पाते हैं। ऐसे में गार्जियन अपने बच्चे को स्कूल में दाखिला नहीं करवाते हैं। हालांकि कुछ स्कूल तो ऐसे हैं जिनकी काफी समय य से मरम्मत नहीं की गई है। इसके चलते खतरा बना रहता है कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए। हालांकि सरकार दावा करती है कि उसने प्रदेश के सैकड़ों स्कूलों की मरम्मत करवाई है, जिनकी हालत जर्जर हो गई है।

बता दें कि प्रदेश में स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते हाल में ही हाईकोर्ट की तरफ से सरकार को 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक 2019 से अबतक 394 सरकारी स्कूल घटे हैं, वहीं इस अवधिमें 1,687 प्राइवेट स्कूल नए खुले हैं। वहीं अब 832 स्कूलों पर फिर से बंद होने की बात चल रही है।

प्राइमरी स्कूलों को मर्ज करने पर संशय, मुख्यमंत्री कर रहे हैं मंथन
हरियाणा में 20 से कम संख्या वाले 832 प्राइमरी स्कूलों को मर्ज करने का फैसला फिलहाल टल सकता है। बताया गया कि चुनावी मौसम में सरकार विपक्षी दलों को कोई मौका नहीं देना चाहती है। लिहाजा अभी तक इस पर किसी तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है। उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो स्कूलों की सूची मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास पहुंची है। मुख्यमंत्री खुद इस मामले का अध्ययन कर रहे हैं। हालांकि बीते दिनों शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी गई थी। जिसमें करीब 7349 बच्चों की लिस्ट किया गया है।

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