दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने चर्च की संपत्ति को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने के आरोपित को किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने राजपुर रोड स्थित चर्च की संपत्ति को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने के आरोपित को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपित शरल बाबी दास ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे। पुलिस ने मामला दर्ज होने के 14 वर्ष बाद आरोपित को यूपी के बांदा जिले से गिरफ्तार किया है। इस मामले में वर्ष 2007 में एफआइआर दर्ज की गई थी।

2007 में पुलिस को मिली थी शिकायत

अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह ने बताया कि वुमेंस क्रिश्चियन टेंपरेंस आफ इंडिया की अध्यक्ष सुलोचना प्रकाश ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को वर्ष 2007 में एक शिकायत दी थी। आरोप था कि राजपुर रोड स्थित 24 नंबर प्लाट वुमेंस क्रिश्चियन टेंपरेंस आफ इंडिया की संपत्ति है, जिसे फर्जी दस्तावेज तैयार करवा कर बेच दिया गया है।

पुलिस की जांच में हुआ खुलासा

शिकायत में कहा गया था कि उनकी संस्था ने कभी इस जमीन को ना तो बेचा है और ना ही किसी के नाम पर ट्रांसफर किया है। जांच में पता चला कि इस फर्जीवाड़े के पीछे जान अगस्टिन और शरल बाबी दास शामिल हैं। आरोपित जान अगस्टिन इंडियन चर्च ट्रस्ट का अध्यक्ष बताया गया। संपत्ति को एक के बाद कई बार बेचा गया।

अगस्टिन कभी नहीं रहा ट्रस्ट का अध्यक्ष

पुलिस की जांच में पता चला कि जान अगस्टिन कभी अध्यक्ष रहा ही नहीं और न ही उसे कभी कोई संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए संस्था की तरफ से अधिकृत किया गया था। इस पूरे मामले में शरल मुख्य साजिशकर्ता था। पुलिस टीम ने सबसे पहले जान अगस्टिन को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक संपत्ति की कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है।

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