देश की समुद्री ताकत हुई कई गुना ज्यादा, नौसेना को मिली दुनिया की सबसे आधुनिक पनडुब्बी

 देश की सुरक्षा के लिहाज से बुधवार का दिन बहुत अहम होने जा रहा है। आज स्कोर्पिन क्लास सबमरीन आईएनएस करंज नौसेने के बेड़े में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम मुंबई में होगा। इससे देश की समुद्री ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। को साइलेंट किलर कहा जा रहा है। यह बिना किसी आहट के दुश्मन खेमे में पहुंचकर ताबह करने की क्षमता रखती है। करीब 70 मीटर लंबी, 12 मीटर ऊंची और 1565 टन वजनी है। मिसाइल और टॉरपीडो से लैस है और समुद्र में माइन्स बिछाने में सक्षम है। करीब 350 मीटर गहरे समुद्र में को तैनात किया जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है रडार की पकड़ में नहीं आत हुए जमीन पर हमला करना। इसमें ऑक्सीजन बनाने की क्षमता है, जिससे यह लंबे समय तक पानी में रह सकती है

जानिए कैसे पड़ा नाम INS Karanj

INS Karanj के नामकरण की कहानी दिलचस्प है। दरअसल इसके हर अक्षर का एक मतलब है। मसलन – K से किलर इन्सटिंक्ट, A से आत्मनिर्भर भारत, R से रेडी, A से एग्रेसिव, N से निम्बल और J से जोश। बता दें इससे पहले स्कोर्पिन क्लास की पहली दो पनडुब्बीयां, आईएनएस कलवरी और आईएनएस खंडेरी नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो चुकी हैं। अब चौथी पनडुब्बी वेला का समुद्री ट्रायल शुरू किया जा रहा है। पांचवी पनडुब्बी वागिर को लांच किया जा चुका है। स्कोर्पिन क्लास की छठी सबमरीन वगशीर का मझगांव डॉकयार्ड पर का शुरू हो चुका है।

चीन और पाकिस्तान के लिए खतरा

INS Karanj चीन और पाकिस्तान के खिलाफ हिंद महासागर में भारत के मोर्चे को मजबूत करेंगे। बता दें, चीन लगातार अपनी समुद्री ताकत बढ़ा रहा है। वहीं पाकिस्तान भी चीन की मदद से अपनी समुद्री ताकत बढ़ा रहा है।

नौसेना का 11 एसीटीसीएम जहाजों के लिए सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स के साथ करार

इस बीच, एक अन्य खबर के अनुसार, नौसेना ने 11 हथियार-सह-टोरपीडो-सह-मिसाइल (एसीटीसीएम) जहाजों के निर्माण के लिए सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स के साथ समझौता किया है। नौसेना ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि ठाणे की एमएसएमई सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ पांच मार्च को समझौता हुआ। बयान के अनुसार जहाजों की आपूर्तिं 22 मई से शुरू होनी है। बयान में कहा गया है कि यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

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