जहां होते थे विवाद, अब विकास है वहां की पहचान: सीएम योगी

  • जेवर हवाई अड्डे के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को हस्तांतरित हुई 1,334 हेक्टेयर भूमि
  • जेवर एयरपोर्ट के भवन की वास्तुकला में झलके भारतीयता: योगी
  • जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का होगा संरचनात्मक विकास
  • मुख्यमंत्री ने जताई खुशी, बोले प्रधानमंत्री मोदी का सपना होगा साकार

लखनऊ: दुनिया के विशालतम हवाईअड्डों में से एक “नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, जेवर” के निर्माण का काम जल्द ही शुरू होने जा रहा है। शनिवार का दिन इस लिहाज से बेहद खास रहा, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में जेवर एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार की ज्वाइंट वेंचर कम्पनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) एवं विकासकर्ता ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की एसपीवी, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा.लि. के बीच लाइसेंस मेमोरेंडम हस्ताक्षरित हुए। अब जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस एयरपोर्ट का शिलान्यास संभावित है, जिसके बाद एयरपोर्ट निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

शनिवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह एयरपोर्ट प्रदेश के उस क्षेत्र में है, जहां आए दिन विवाद होते थे।कुप्रबंधन के कारण कोई कई बड़ी घटनाएं घटीं। लेकिन राज्य सरकार ने जेवर एयरपोर्ट परियोजना के अंतर्गत आने वाले सभी गांव के किसानों से संवाद किया-समन्वय बनाया, अंततः परियोजना के पहले फेज के लिए निर्धारित 1,334 हेक्टेयर भूमि बिना किसी विवाद के भूमि अधिग्रहीत हुई।

सीएम ने कहा कि एविएशन सेक्टर अतीव संभावनाओं वाला क्षेत्र है। यह रोजगार पैदा करने का माध्यम भी है और आर्थिक समृद्धि का साधन भी। जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा, जिससे रोजगार एवं निवेश के अवसर बढ़ेंगे। विनिर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ हवाई यातायात सुगम होगा। इससे पर्यटन के क्षेत्र में भी अप्रत्याशित वृद्धि की संभावना है। उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी की दिशा में भी काम चल रहा है। इसके लिए एयरपोर्ट को हाईस्पीड रेल से जोड़े जाने, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग द्वारा जोड़े जाने तथा मेट्रो रेल से जोड़े जाने की कार्यवाही चल रही है। योगी ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार से साइट क्लीयरेंस प्राप्त करना हो या गृह मंत्रालय से इमीग्रेशन सर्विसेज के लिए अनुमोदन अथवा पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी लेनी हो सारे कार्य समयबद्ध रूप से पूरे हुए हैं। निश्चित रूप से आगे के काम भी तय समयसीमा के भीतर शुरू हो जाएंगे।

समयबद्घ ढंग से पूरी हो रही अब तक सारी प्रक्रिया:
सीएम ने कोरोना महामारी के बीच भी जेवर एयरपोर्ट का कार्य समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “हवाई चप्पल पहने व्यक्ति के हवाई सफर का जो सपना देखा था, अब वह साकार हो रहा है। बहुत जल्द उत्तर प्रदेश में पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होंगे।कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट हमारा कार्य लगभग पूरा हो चुका है और कभी भी हम इस एयरपोर्ट को इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए प्रारंभ किया जा सकता है। इस अवसर पर प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट टर्मिनल को भारतीय वस्तुकला का विशिष्ट नमूना बनाने की कोशिश होनी चाहिए।

इससे पहले प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग के मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने बीते चार साल में उत्तर प्रदेश ने नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में ऊंची उड़ान भरी है। जेवर एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश की वैश्विक पहचान बनेगा। कार्यक्रम में नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ और ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल (एजी) के प्रतिनिधियों सहित शासन के अनेक अधिकारियों की उपस्थिति रही।

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