लखनऊ.मुजफ्फरनगर के खतौली में बीते 19 अगस्त को डिरेल हुई उत्कल एक्सप्रेस के मामले में बुधवार को दिल्ली डिवीजन की ओर से 13 रेलवे वर्कर्स को बर्खास्त कर दिया गया। लापरवाही बरतने वाले फोर्थ क्लास के 12 वर्कर्स और उस समय इनकी मॉनिटरिंग कर रहे जूनियर इंजीनियर प्रदीप कुमार को रेलवे ने बाहर किया है। नॉर्दर्न रेलवे की ओर से इन वर्कर्स पर को दोषी मानते हुए कार्रवाई की गई है।
कई धाराओं में दर्ज की गई थी FIR…
– हादसे के बाद रेलवे वर्कर्स पर रेलवे एक्ट की धारा 151 और 154 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इन धाराओं में लापरवाही बरतने, बिना सूचना के ट्रैक छोड़ने का दोषी बताते हुए कार्रवाई की गई।
– नॉर्दर्न रेलवे के सीपीआरओ नीरज शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई सीनियर डीईन कॉर्डिनेशन बिजेंद्र कुमार ने की है। इसमें 12 फोर्थ क्लास वर्कर्स और एक जेई शामिल हैं।
कब और कैसे हुआ था हादसा?
– 19 अगस्त की शाम मुजफ्फरनगर के खतौली में पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई थी। 156 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
– हादसे के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हादसे पर रेलवे बोर्ड चेयरमैन को 20 अगस्त की शाम तक हर हाल यह बताने को कहा था कि हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है। शुरुआती जांच में रेलवे की लापरवाही सामने आई थी। बताया कि ट्रैक पर दो दिन से काम चल रहा था। ट्रेन के ड्राइवर को कॉशन कॉल नहीं मिला। ढीली कपलिंग वाले ट्रैक से ट्रेन 105Kmph की रफ्तार से गुजरी और पटरी से उतर गई। अमूमन ऐसी जगह रफ्तार 15-20Kmph रखी जाती है।
UP में डेढ़ साल में हुए बड़े रेल हादसे
1) 20 फरवरी 2017: कालिन्दी एक्सप्रेस के टुंडला में 12 डिब्बे पटरी से उतरे। 23 की मौत
2) 20 नवंबर 2016: कानपुर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसा। 121 लोगों की मौत।
3) 20 मार्च 2015: रायबरेली के बछरावां के पास देहरादून-वाराणसी एक्सप्रेस हादसा। 32 की मौत।
4) 1 अक्टूबर 2014: गोरखपुर में क्रासिंग पर दो ट्रेनों की आमने-सामने टक्कर। 14 की मौत।