10 वर्ष की काशवी कोई उद्यमी या व्यापारी नहीं है फिर भी सिनेमाघरों में दिखाए उसके वीडियो और वाणिज्य कर विभाग ने दिया सम्मान…

 10 वर्ष की काशवी कोई उद्यमी या व्यापारी नहीं है लेकिन उसके सहयोग से वाणिज्य कर विभाग के टैक्स कलेक्शन में काफी वृद्धि हुई। विभाग का कर संग्रह बढ़ा तो वाणिज्य कर आयुक्त ने उसका सहयोग देखते हुए सराहना की वहीं उसे प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।

कल्याणपुर निवासी 10 वर्षीय काशवी कक्षा पांच की छात्रा है। अपने आसपास घट रही चीजों को लेकर वह कई वर्षों से जागरूक है और बात चाहे मतदान के लिए जागरूक करने की हो या कोरोना से बचाव की, वह अपने वीडियो खुद बनाकर यूट्यूब पर डालती रहती है। कोरोना की पहली लहर के दौरान ही काशवी ने मात्र आठ वर्ष की आयु में उससे बचने के क्या तरीके हो सकते हैं, इस पर वीडियो बनाकर अपलोड किया था। इसे कई स्थानीय चैनल पर भी चलाया गया था। काशवी के पिता चंद्रकांत रल्हन वाणिज्य कर विभाग में उपायुक्त हैं तो मां कोमल छाबड़ा सहायक आयुक्त। इसलिए वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को काशवी के वीडियो देखने को मिलते रहते थे।

कुछ समय पहले वाणिज्य कर विभाग को व्यापारियों को पंजीयन के लिए जागरूक करने के लिए वीडियो बनवाने थे जिन्हें प्रदेश भर में चलाया जा सके। इसके लिए काशवी से बात की गई। काशवी को क्या बोलना है, यह भी बताया गया। इसके बाद उस पर वीडियो शूट किया गया। इसके कई अलग-अलग 30-30 सेकेंड के वीडियो बनाए गए। इन वीडियो को पूरे प्रदेश में चलाए गए जीएसटी पंजीयन जागरुकता अभियान में सिनेमाघरों, मल्टीप्लेक्स, टीवी चैनल पर चलाया गया।

दिसंबर 2020 तक के कारोबार के आंकड़े हाल में ही वाणिज्य कर विभाग के सामने आए तो उसमें काफी वृद्धि पाई गई। इसे देखते हुए वाणिज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस ने काशवी की सराहना की। इतना ही नहीं वाणिज्य कर विभाग के एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन जोन वन पीके ङ्क्षसह ने काशवी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। काशवी का कहना है कि उसे सामाजिक जागरूकता से जुड़े वीडियो बनाना अच्छा लगता है और वह इसे जारी रखेगी।

काशवी के सराहनीय कार्य

– 2019 में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित मतदाता जागरूकता रैली को काशवी ने संबोधित किया जिसे एक एफएम चैनल ने लाइव टेलीकास्ट भी किया।

– जीएसटी दिवस पर काशवी ने मंच से उद्यमियों, व्यापारियों को संबोधित करते हुए जीएसटी के भारतीय अर्थव्यवस्था एवं व्यापारियों को लाभ पर कविता पढ़ी।

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