सीरियाई नागरिकों को संकट से उबारने के लिए भारत को आना चाहिए आगे

वर्षों से गृह युद्ध झेल रहा सीरिया एक बड़े अप्रवासी संकट से जूझ रहा है। सीरियाई नागरिकों को इस संकट से उबारने के लिए भारत को आगे आना चाहिए। जार्डन के प्रिंस अली बिन अल हुसैन ने यह बात कही। सम्मेलन की शुरुआत नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी ने की थी। अली इसके सह-आयोजक हैं।

प्रिंस अली ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “भारत और जार्डन के बीच गहरे राजनयिक संबंध हैं। भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और शक्तिशाली देश है। इसलिए हम भारत से सीरिया अप्रवासी संकट सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद करते हैं।”

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उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच 1950 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। पिछले महीने पश्चिम एशियाई देशों के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जार्डन के बादशाह अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की थी। उसके बाद अब्दुल्ला अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर पिछले महीने ही भारत आए थे। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने इस दौरान 12 समझौते किए थे।

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