दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12वीं के छात्रों के लिए देशभक्ति की पाठशाला हुई शुरू, समाज के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करेंगे छात्र

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12वीं के छात्रों के लिए बृहस्पतिवार से देशभक्ति की पाठशाला शुरू हुई। छात्र स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां, देशभक्ति गीत और कविताओं को पढ़ने से साथ देशभक्ति पाठ्यक्रम में समाज के ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। इन छात्रों के पाठ्यक्रम में कुल पांच विषय शामिल किए गए हैं। इसमें देशभक्ति, विकसित, विकासशील और अल्पविकसित देशों के बारे में, भारत की प्रमुख समस्याओं के बारे में पूछा जाएगा। इनमें प्रमुखता से बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, अच्छे शैक्षिक संस्थानों की कमी, बाल विवाह, बाल मजदूरी, प्रदूषण, अपराध जैसी समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद छात्रों को अपने विचार साझा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
गतिविधि आधारित होगा पाठ्यक्रम: इस पूरे पाठ्यक्रम को शिक्षक गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाएंगे, ताकि छात्रों में रचनात्मक और आलोचनात्मक रूप से सोचने की क्षमता पैदा हो और वे न सिर्फ देश की विभिन्न समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनें, बल्कि उनका समाधान करने का भी संकल्प लें। शिक्षा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य तीन महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
इसमें प्रत्येक बच्चे के मन में देश के प्रति प्यार करना, सम्मान और गर्व की भावना को जागृत करना, देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी तथा कर्तव्य के प्रति जागरूक करना और देश के प्रति अपनत्व की भावना और देश के प्रति त्याग और त्याग करने वालों के प्रति सम्मान की भावना का विकास करना शामिल हैं।
जामा मस्जिद स्थित सवरेदय बाल विद्यालय में कार्यरत देशभक्ति पाठ्यक्रम के नोडल शिक्षक डा. रणजीत जाना ने बताया कि देशभक्ति की कक्षा की शुरुआत देशभक्ति ध्यान की गतिविधि से करवाई जाएगी। इस गतिविधि में बच्चे अपने देश का सम्मान करने के साथ ही उसका मान बढ़ाने का भी संकल्प लेंगे और रोजाना देशभक्तों को याद करके उनके प्रति मन ही मन धन्यवाद भी करेंगे।
पाठ्यक्रम में ये विषय किए गए शामिल
- अपने देश से प्यार और उसका सम्मान
- देशभक्ति
- मेरा देश – मेरा गौरव
- मेरा भारत महान फिर भी विकसित क्यों नहीं ?
- मेरे सपनों का भारत