

एसएससी की ओर से देशभर में एलडीसी की परीक्षा आयोजित की गई थी। सीआईए-2 स्टॉफ को परीक्षा शुरू होने से पहले ही सूचना मिल गई थी कि दो युवकों के पास पेपर की आंसर की है और वह इसे व्हाट्सअप के जरिए अपने क्लाइंट को भेजेंगे। ऐसे में टीम के सदस्य सुबह से ही आरोपियों की लोकेशन तलाशने में जुट गए।
इस बीच देर रात एएसआई अनेश को सूचना मिली कि दोनों आरोपी बोहर नाके पर कार में बैठे हैं। सीआईए टीम ने तत्काल वहां छापा मारा और दोनों को दबोच लिया। इनकी पहचान महम के गांव किशनगढ़ निवासी दिलबाग सिंह और मदीना के नवीन सिंह के रूप में हुई है।
टीम इंचार्ज राकेश सैनी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से चार मोबाइल और एक कार बरामद की है। जब इनके मोबाइल की जांच पड़ताल की गई तो उसमें एसएससी के पेपर की आंसर की निकली। इस उन्होंने अलग-अलग जगह अपने क्लाइंट को शेयर कर रखा था।
16 अभ्यर्थियों को भेजी आंसर की: एएसआई अनेश ने बताया कि दिलबाग ने 13 और नवीन ने 3 अभ्यर्थियों के साथ आंसर की उपलब्ध करवाने का सौदा किया था। दिलबाग ने सुबह की पारी के पेपर में ही अपने सभी क्लाइंट को आंसर की व्हाट्सअप के जरिये भेज दी थी। जबकि नवीन ने सुबह और शाम दोनों पारी में होने वाले पेपर की आंसर की अपने क्लाइंट को भेजी।
बड़ाली के बिजेन्द्र ने भेजी थी दोनों के पास आंसर की: दिलबाग ने बताया कि उनके पास बड़ाली गांव के बिजेन्द्र नामक युवक ने आंसर की भेजी थी। बिजेन्द्र ने पेपर होने से कुछ समय पहले ही दोनों के व्हाट्सअप पर आंसर की भेजी थी।
पेपर शुरू होते ही उन्होंने इस आंसर की को अपने-अपने क्लाइंट को भेजा। पुलिस की मानें तो आरोपियों का नेटवर्क काफी लंबा है। रिमांड अवधि में आरोपियों से उनके साथियों और आंसर की भेजे जाने वाले परीक्षा केन्द्रों के बारे में पूछताछ की जाएगी।
तीन परीक्षाओं के पेपर लीक का दाग: हरियाणा पर पिछले छह माह में तीन परीक्षाओं के पेपर लीक का दाग लग चुका है। गत तीन मई को एआईपीएमटी का पेपर लीक हुआ। पेपर लीक के चार मुख्य आरोपी रोहतक से पकड़े गए।
इसके बाद 4 अक्तूबर को केवीएस कीशिक्षक भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक हुआ। गिरोह रेवाड़ी में पकड़ा गया। केवीएस ने परीक्षाएं रद्द की। इसके बाद एक नवंबर को एसएससी का पर्चा लीक हुआ। आरोपी रोहतक से पकड़े गए।