सफला एकादशी पर करें मां तुलसी की खास आरती
सफला एकादशी का दिन बहुत ही फलदायी होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। मान्यताओं के अनुसार लोग इस दिन व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं इस दिन पूजा के दौरान तुलसी आरती और भगवान कृष्ण की आरती का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे जीवन में समृद्धि आती है। इस साल यह एकादशी (Saphala Ekadashi 2024) 26 दिसंबर यानी आज मनाई जा रही है।
सफला एकादशी का दिन अपने आप में महत्वपूर्ण होता है। यह दिन पूरी तरह से भगवान विष्णु को समर्पित है। इस शुभ दिन पर भक्त श्री हरि की पूजा करते हैं और उनके लिए उपवास रखते हैं। यह एकादशी पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल यह 26 दिसंबर, 2024 यानी आज के दिन मनाई जा रही है, जो इस साल की अंतिम एकादशी भी है।
मान्यता है कि इस दिन (Saphala Ekadashi 2024) कठिन व्रत का पालन करने से और तुलसी आरती और श्रीकृष्ण जी की आरती का पाठ करने से जीवन की सभी मुश्किलों का अंत होता है। इसके साथ ही मनचाहा वरदान मिलता है, तो चलिए यहां पढ़ते हैं।
।।तुलसी माता की आरती।। (Maa Tulsi Ki Aarti)
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।
।।हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी।। (Hey Gopal Krishna Karu Aarti Teri)
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
ये माटी का कण है तेरा,
मन और प्राण भी तेरे,
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,
तुम हो भगवन मेरे,
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम,
मन को हरता जाए,
मन ये चाहे हर पल अंखिया,
तेरा दर्शन पाये,
दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,
हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी।