बेटे ने अपनी बुजुर्ग मां को कुल्हाड़ी से काटकर उतारा मौत की घाट

गुरुग्राम के भोंडसी थाना क्षेत्र के गांव रायसीना की सिहरौल की ढाणी में शराब के नशे में धुत एक बेटे ने अपनी 65 वर्षीय मां पर कुल्हाड़ी से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। आरोप है कि बेटे ने शराब के लिए मां द्वारा वृद्धावस्था पेंशन के रुपये न देने पर इस वारदात को अंजाम दिया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने आरोपी बेटे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन पुलिस अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार शाम आठ बजे सिहरौल की ढाणी में प्रेमपाल (45) पुत्र रामकिशन शराब के नशे में धुत था। प्रेमपाल ने घर के एक कमरे में बैठी अपनी मां से और शराब पीने के लिए रुपये मांगे, लेकिन मां भतेरी ने प्रेमपाल को रुपये देने से इनकार कर दिया। मां के मना करने से गुस्साया प्रेमपाल घर में रखी कुल्हाड़ी निकाल कर ले आया और मां के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। आरोपी अपनी मां की गर्दन, हाथ व पैरों पर भी कुल्हाड़ी से तब तक वार करता रहा, जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। आरोपी की पत्नी और बच्चों ने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन उसने किसी की एक भी नहीं सुनी। बताया जा रहा है मृतका मानसिक रूप से परेशान थी। मामले की जांच कर रहे एसआई ओमप्रकाश ने बताया कि मृतका के भतीजे गांव टीकली निवासी नवीन पुत्र मांगेराम की शिकायत पर आरोपी बेटे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

वृद्धावस्था पेंशन के रुपये मांग रहा था आरोपी 

मृतका भतेरी को को कुछ दिन पहले ही वृद्धावस्था पेंशन मिली थी। ग्रामीणों के मुताबिक, मानसिक रूप से परेशान होने के कारण वह अपने रुपये किसी को भी नहीं देती थी। वह अपने रुपयों को सबकी नजरों से बचाकर रखती थी। ग्रामीणों के मुताबिक, मृतका के दो बेटे हैं। छोटा बेटा अपने परिवार के साथ अलग दूसरे घर में रहता है। 

आए दिन पीटते थे परिजन 

मृतका मानसिक रूप से परेशान होने के कारण गांव में किसी के भी घर चली जाती थी। ग्रामीण उसकी मानसिक परेशानी को समझते थे, लेकिन मृतका का बड़ा बेटा प्रेमपाल मां की इन आदतों के कारण उसे रोज पीटता था। गुरुवार को भी जब प्रेमपाल अपनी मां पर जानलेवा हमला कर रहा था। उस समय शोर तो मच रहा था, लेकिन गांव का कोई भी व्यक्ति उसके बचाव में नहीं पहुंचा।

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