कही आप की भी कुंडली में तो नहीं हैं मांगलिक दोष, भूलकर भी ना करें ये काम

मंगल जब कुंडली के लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में हो तो कुंडली में मंगल दोष होता है. मंगल एक क्रूर ग्रह है. इसलिए विवाह पर इसका प्रभाव होना एक समस्या बनता है. मंगल दोष होने पर विवाह के मामले में सावधानी रखनी चाहिए. मंगल दोष (Mangal dosha) में भी लग्न और अष्टम भाव का दोष ज्यादा गंभीर होता है. अगर मंगल दोष केवल एक ही पक्षकार की कुंडली में है तो दूसरे पक्षकार से तालमेल काफी खराब हो जाता है.

क्या मान्यताएं हैं मंगल दोष की?
अगर एक व्यक्ति मंगली हो और दूसरा न हो तो दूसरे की मृत्यु तक हो सकती है. पति पत्नी के बीच में हिंसा हो सकती है. जिसकी कुंडली में में मंगल दोष न हो वो सदैव बीमार रहता है. इसके कारण व्यक्ति को शल्य चिकित्सा और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है. मंगल दोष जीवन में एक समस्या बनता है, यह व्यक्ति के जीवन को छिन्न भिन्न कर देता है.

मंगल दोष के उपाय कितने सही?
मंगली व्यक्ति का विवाह घड़े, पेड़ या मूर्ति से कराया जाता है. यह बिलकुल भी उचित नहीं होता और इसका कोई लाभ भी नहीं होता है. मंगली व्यक्ति को मूंगा पहना दिया जाता है. जबकि हर स्थिति में मूंगा लाभ नहीं कर सकता. इससे भयंकर नुकसान भी हो सकता है. मंगली व्यक्ति के मंगल की शांति करा दी जाती है, जबकि अगर मंगल शुभ परिणाम वाला हुआ तो जीवन में समस्याएं बढ़ जाती हैं. आमतौर पर मंगल दोष के लिए कराए गए उपाय ज्यादातर लाभकारी नहीं होते हैं.

मंगल दोष के लिए सही उपाय
मंगल कुंडली में जिस तरह की समस्या दे रहा हो उसका समाधान करें, क्योंकि हर मामले में मंगल वैवाहिक जीवन ही खराब नहीं करता है. मंगल दोष के मामले में सबसे ज्यादा ध्यान स्वभाव का रखना चाहिए. अपने खान पान की आदतों में बदलाव लाएं. हनुमान जी की यथाशक्ति उपासना करें.

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