इस बड़ी वजह से ब्रावो पर इतना भरोसा करते हैं धोनी

जब उसने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब T20 का जन्म भी नहीं हुआ था. लेकिन आज वो बल्लेबाजों के खेल कहे जाने वाले क्रिकेट के इस फॉर्मेट का असली उस्ताद है. जिन ओवर्स में बल्लेबाज की नजर सबसे ज्यादा रन चुराने पर होती है उन्हीं ओवरों में वो अपनी काबिलियत से उन्हें लाचार और असहाय बना देता है.

क्रिकेट के डेथ ओवर्स में वो इस वक्त दुनिया का सबसे खतरनाक गेंदबाज है और इस गेंदबाज का नाम है ड्वेन ब्रावो. ये कैरेबियाई गेंदबाज IPL में फिलहाल चेन्नई सुपरकिंग्स यानी कि धोनी की कमान वाली टीम का हिस्सा है. इसका मतलब है कि सीजन-11 में पीले रंग की जर्सी में इसका जादू मैदान पर सिर चढ़कर बोलता दिखेगा. T20 क्रिकेट में डेथ ओवर्स आखिरी के 4 ओवरों को बोलते हैं और इन ओवर्स में ब्रावो बल्लेबाजों को बेचारा बना देते हैं. डेथ ओवर्स में धोनी का ये बादशाह कैसे चलाता है रनों पर अंकुश लगाकर कैसे चलाता है बल्लेबाजों के दिलों पर छुरियां अब जरा वो समझिए.

डेथ ओवर्स में सफलता का राज

डेथ ओवर्स में बल्लेबाजों पर हावी होकर कामयाबी की स्क्रिप्ट लिखने के लिए ब्रावो के पास एक नहीं, दो नहीं बल्कि 4 अहम हथियार है. दूसरे लहजे में कहें तो जब बल्लेबाजों को रन की पड़ी हो तो उन्हें ब्रावो अपने 4 वैरिएशन के जरिए चकमा देते हैं. डेथ ओवर्स में सफलता के लिए ब्रावो की गेंदबाजी के ये वैरिएशन हैं- यॉर्कर, बाउंसर, स्लोअर बॉल और सामान्य स्पीड के साथ फेंकी गुड लेंथ बॉल. ब्रावो के मुताबिक, ” T20 में सफलता के लिए काबिलियत को बढ़ाना जरूरी होता है. एक गेंदबाज के तौर पर मुझे स्लोअर बॉल डालने का हुनर पता था लेकिन मुझे महसूस हुआ कि T20 में कामयाबी के लिए मुझे अपने वैरिएशन का दायरा बढ़ाना होगा.”

स्लोअर बॉल है फेवरेट हथियार 

ब्रावो के मुताबिक डेथ ओवर्स की सबसे अच्छी स्ट्रेटजी ये होती है कि आप अपनी नाकामियों से कितना सीखते हैं. वो कहते हैं, ” क्रिकेट के फटाफट मिजाज के लिहाज से स्लोअर बॉल मेरा सबसे सेफ हथियार है. ये डिफेंसिव भी है और विकेट टेकिंग भी. लिहाजा, डेथ ओवर्स में दूसरी गेंदों की तुलना में मैं इसे सबसे अहम हथियार मानता हूं. ”

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आंकड़े बनाते हैं ब्रावो को खतरनाक 

डेथ ओवर्स में ब्रावो को उनके गेंदबाजी वैरिएशन का कितना बड़ा फायदा मिलता है अब उसे जरा इन आंकड़ों से समझिए. ब्रावो के पास अब तक 375 T20 मैचों में 413 विकेट चटकाए हैं. इस दौरान डेथ ओवर्स में उन्होंने 382 गेंदें फेंकी है जिनपर उन्होंने 203 विकेट चटकाए हैं. दूसरे लहजे में कहें तो अपने T20 करियर 413 विकेटों में से 203 विकेट ब्रावो ने डेथ ओवर्स में लिए हैं यानी पूरे 50 फीसदी. इन आंकडों को देखकर बड़े से बड़े क्रिकेटर डेथ ओवर्स में ब्रावो की काबिलियत के कायल हो चुके हैं. ब्रावो की सबसे बड़ी विशेषता पर फोकस करते हुए पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज साइमन कैटिच का कहना है, ” उनकी गेंद कब वाइडर यॉर्कर से लेग स्टंप यॉर्कर में बदल जाती है , बल्लेबाज को पता भी नहीं चलता और वो गच्चा खा जाता है. ”

पर्सनल ट्रेनर से लेते हैं मदद

डेथ ओवर्स में बल्लेबाजों को डसने में महारत रखने वाले ड्वेन ब्रावो ने इसके लिए अपना एक पर्सनल ट्रेनर भी रख रखा है, जिनका नाम निकोलस है. निकोलस, ब्रावो के लिए बतौर फ्रीलांसर काम करते हैं, और इसके लिए वो उन्हें सैलरी भी देते हैं. ब्रावो के मुताबिक जब वो ऑफ सीजन में अपने घर पर होते हैं तो डेथ ओवर बॉलिंग पर अपनी पर्सनल टीम के साथ ही काम करते हैं.

IPL सामने हैं. ब्रावो एक बार फिर से धोनी की पीली जर्सी वाली टीम की जीत की सबसे बड़ी गारंटी हैं. ब्रावो पर जीत का इतना बड़ा दांव क्यों उसकी वजह भी साफ है और ये वजह है डेथ ओवर्स में बल्लेबाजों को बेचारा बनाकर छोड़ने वाली उनकी कातिलाना गेंदबाजी.

 
 
 
 
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