
शरीर को पानी के अंदर ज्यादा देर तक रहने से त्वचा सिकुड़ने लगती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ज़्यादा देर तक पानी में रहने से आपकी हाथों और पैरों की उंगलियों की त्वचा सिकुड़ क्यों जाती है? नहीं? आइये हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है। अक्सर हम देखते हैं कि कपड़े धोने पर या ज्यादा देर तक पानी में उंगलियां रखने से वो सिकुड़ जाती हैं?
आपको बता दें कि हमारे हाथ-पैर की त्वचा बाकी हिस्सों की त्वचा की अपेक्षा काफी मोटी होती है। पानी में ज्यादा देर तक रहने से त्वचा में आने वाली सिकुड़न भी कुछ ही समय के लिए होती है और ये अपने से ही ठीक हो जाती है। दरअसल, ये प्रक्रिया पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं होता है।
news-medical.net की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमारी त्वचा की सबसे ऊपरी परत पर सीबम नामक एक तेल होता है। यह तेल हमारी त्वचा को सुरक्षा देने के साथ ही नमी और चिकनाई भी प्रदान कराता है। साधारण भाषा में सीबम तेल को इस तरह से भी समझा जा सकता है कि ये त्वचा पर रेनकोट की तरह काम करता है। इस तेल की वजह से ही जब हम सूखे हाथों को धोते हैं, तो पानी आसानी से फिसल जाता है।
पानी में ज्यादा देर तक रहने से हमारी त्वचा पर मौजूद सीबम तेल धूल जाता है। इस वजह से पानी हमारी त्वचा के भीतर प्रवेश करने लगता है और त्वचा सिकुड़ने लगती है। हालांकि, जैसे ही हमारी त्वचा की ऊपरी परत में घुसा पानी वाष्पीकृत हो जाता है, वैसे ही हमारे हाथ-पैर की त्वचा पहले की तरह सामान्य हो जाती है।
इसके साथ ही हाथ और पैर की त्वचा सिकुड़ने के पीछे एक वजह और भी होती है। दरअसल, हमारी त्वचा केराटिन से बनी होती है और हाथ-पैर की त्वचा पर ये केराटिन बहुत प्रभावशाली होता है। लिहाजा, ज्यादा देर तक पानी के संपर्क में रहने से हाथ-पैर की त्वचा पानी सोखने लगती है और सिकुड़ जाती है। पानी की वजह से त्वचा सिकुड़ने की प्रक्रिया को एक्वाटिक रिंकल्स कहा जाता है।