कोरोना का पता लगाएगे स्निफर डॉग्स ब्रिटेन में ट्रेनिंग हुई शुरू अब एक प्रशिक्षित कुत्ता एक घंटे में करीब 22 लोगों की स्क्रीनिंग करेगा

पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से त्रस्त है। विभिन्न देश इसके संक्रमण को रोकने के लिए तरह-तरह के प्रयोग भी कर रहे हैं। ऐसा ही एक प्रयोग शुरू किया है ब्रिटेन ने।

ब्रिटेन इस संभावना पर ट्रायल कर रहा है कि क्या स्निफर डॉग्स कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं। ब्रिटेन ने इसके लिए कुत्तों की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है और सरकार ने इसके लिए करीब पांच करोड़ रुपये की राशि को अनुमति दी है। 

इसके तहत लेब्राडोर और कॉकर स्पेनियल प्रजाति के कुत्तों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस ट्रायल से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि क्या इन स्निफर डॉग्स को कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों की गंध सूंघने में सक्षम बनाया जा सकता है और भविष्य में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करने में क्या ये कुत्ते अहम भूमिका निभा सकेंगे। इसका पहला ट्रायल लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में शुरू हुआ है। 

कुत्तों के अंदर सूंघने की बहुत तीव्र क्षमता होती है। ब्रिटेन के विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशिक्षण देने के बाद ये कुत्ते कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान  कर सकेंगे।

 दुनिया के कई देशों में स्निफर डॉग्स को कैंसर, मलेरिया और पर्किंसन जैसी बीमारियों के पीड़ितों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। 

ब्रिटेन के मंत्री लॉर्ड बेथेल का कहना है कि कुत्तों को प्रशिक्षित करने का यह ट्रायल जांच की रणनीति को तेज करने की कोशिश का एक हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि अगर ट्रायल सफल रहता है तो उम्मीद है कि ये कुत्ते मशीन की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से परिणाम दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक प्रशिक्षित कुत्ता एक घंटे में करीब 22 लोगों की स्क्रीनिंग कर सकता है। 

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