इजरायली सेना से झड़प में 12 फलस्तीनी नागरिकों की मौत

इजरायली सेना और फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में शुक्रवार को 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों घायल हो गए। हाल के वर्षो में गाजा सीमा से लगते इलाके में इजरायल के खिलाफ फलस्तीनी नागरिकों का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन अचानक हिसक हो गया था। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए इजरायली सेना को गोली चलानी पड़ी।

फलस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों में 16 साल का एक किशोर भी शामिल था। फायरिग में करीब चार सौ लोगों के घायल होने की आशंका है। इजरायली सेना का कहना है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोल दागे थे। लेकिन दंगाई पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी से बाज नहीं आ रहे थे। हालात को नियंत्रण में करने के लिए सेना ने केवल दंगाइयों को ही निशाना बनाया। सेना के मुताबिक, दंगाइयों ने जवानों को भी जान से मारने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने सीमा पर बनी सुरक्षा दीवार को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।

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मालूम हो कि फलस्तीनी प्रदर्शनकारी अपने कस्बों और गांवों में लौटने की मांग कर रहे हैं। 1948 में इजरायल के निर्माण के समय उनके परिवारों को वहां से या तो भागना पड़ा था या जबरन भगा दिया गया था। लेकिन, इजरायल इसके लिए तैयार नहीं है। उसे डर है कि अरबों के आगमन से उसकी यहूदी बहुलता खतरे में पड़ जाएगी।

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