चर्चित नवरूणा हत्याकांड: छह गिरफ्तार, जल्द होगा मौत का खुलासा

मुजफ्फरपुर। बहुचर्चित नवरूणा हत्याकांड में सीबीआइ ने पूर्व जिला परिषद के उपाध्यक्ष शाह आलम शब्बू समेत छह रसूखदार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। रविवर को इन सभी से पूछताछ के बाद सीबीआइ के विशेष कोर्ट में पेश किया गया। एसीजेएम एके दीक्षित ने सभी को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। माना जा रहा कि सीबीआइ रिमांड के लिए बाद में अर्जी देगी।  

मालूम हो कि शहर के जवाहर लाल रोड स्थित आवास से नवरूणा का देर रात अपहरण कर लिया गया था। बाद में उसके घर के सामने नाले में कंकाल मिला था। डीएनए जांच में कंकाल के नवरूणा के होने की पुष्टि की गई। मामले की जांच मिलने के बाद सीबीआइ ने 225 लोगों से पूछताछ की। 144 लोगों के कॉल डिटेल्स खंगाले। इसके बाद यह सबसे बड़ी कार्रवाई हुई।

इस मामले में जो गिरफ्तारी हुई है ये सभी बड़े नाम हैं। शाह अालम शब्बू के अलावा शिवाराम होटल के मालिक अभय गुप्ता, बड़े व्यवसायी व बिल्डर ब्रजेश सिंह, मार्बल व्यवसायी विनीत  अग्रवाल, बड़े अस्पताल का मालिक विक्कू शुक्ला उर्फ विक्रांत शुक्ला व नवरूणा का पड़ोसी राकेश कुमार शामिल है। कागजी प्रक्रिया के बाद सभी को एसीजेएम के आवास पर सुनवाई के लिए ले जाया गया। यहां से सभी को जेल भेज दिया गया।

मालूम हो कि शहर के जवाहर लाल रोड स्थित आवास से नवरूणा को देर रात अपहृत कर लिया था। बाद में उसकी लाश घर के सामने नाले में मिली थी। भारी दबाव के बाद मामले की जांच सीबीआइ को दी गई। जांच एजेंसी ने 225 लोगों से पूछताछ की। मगर,  आज सबसे बड़ी कार्रवाई हुई।

बता दें कि जो गिरफ्तारी हुई है ये सभी बड़े नाम हैं। शाह अालम शब्बू के अलावा शिवाराम होटल के मालिक अभय गुप्ता, बड़े व्यवसायी व बिल्डर ब्रजेश सिंह, मार्बल व्यवसायी विनीत जायसवाल, बड़े अस्पताल का मालिक विक्कू शुक्ला व नवरूणा का पड़ोसी राकेश कुमार शामिल है। कुछ देर में सभी की कोर्ट में पेशी होगी।

गिरफ्तारी से शहर में सनसनी

नवरूणा हत्याकांड में एक साथ इतनी गिरफ्तारी से सनसनी फैल गई है। छह में से पांच नाम बड़ी हस्ती हैं। इसे लेकर कई तरह की चर्चा हो रही। जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष शाह आलम शब्बू का कई वरीय पुलिस पदाधिकारियों व राजनेताओं से बेहतर संबंध रहा है।

वहीं मार्बल व्यवसायी विनीत अग्रवाल को एक पूर्व विधायक का करीबी माना जाता है। बिल्डर ब्रजेश सिंह शहर की जानी मानी हस्ती हैं। जबकि विक्कू शुक्ला भी बड़े जमीन कारोबारी हैं। उनका शहर में बड़ा अल्पताल है। अभय गुप्ता का होटल शिवाराम नवरूणा के घर के एकदम पास है।

शर्मीली लड़की थी नवरुणा, सितंबर 2012 में हुआ था अपहरण 

सेंट जेवियर्स स्कूल की सातवीं की छात्रा नवरुणा कम बोलनेवाली और शर्मिली लड़की। शहर के अधिकतर मार्गों से अनजान। उसे फरेब का सही मायने में अर्थ तक पता नहीं। उसकी जिंदगी का काला अध्याय 18 सितंबर 2012 की रात से शुरू हुआ।

जवाहरलाल रोड स्थित उसके कमरे से अपराधियों ने अगवा कर लिया। भरसक चादर में समेटते हुए उसका अपहरण हुआ। क्योंकि, बिस्तर पर मूत्र के दाग मिले थे। संभवत: भय के चलते ऐसा हुआ होगा। शुरुआती दौर में जैसा कि आम तौर पर होता है, पुलिस ने लड़की होने के नाते पहले प्रेम प्रसंग का मामला समझ निश्चिंत रही। कुछ दिनों बाद अपहरण मानकर पुलिस ने अपनी गतिविधि तेज की, तब तक देर हो चुकी थी।

अपहर्ता पुलिस की जद से काफी दूर जा चुके थे। इस हाई प्रोफाइल अपहरण में जिले के भू-माफियाओं का नाम उभर कर सामने आया। 26 नवंबर को नवरुणा के घर के सामने स्थित नाले से नर कंकाल मिला था। फॉरेंसिक जांच में पता चला कि लाश किसी लड़की की ही है।

तब नवरुणा की मां ने साफ कह दिया कि यह उनकी बेटी नहीं हो सकती। यहां से इस मामले में नया मोड़ आया। पुलिस कोर्ट से आदेश लेकर परिजनों का डीएनए टेस्ट कराना चाहती थी। जबकि, वे सेंपल देने को तैयार नहीं और सीबीआई जांच पर अड़े रहे। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा।

नवरुणा के माता-पिता की प्रार्थना पर राज्य सरकार ने इसकी जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की। बाद में माता-पिता की डीएनए जांच में नाले से निकला कंकाल नवरुणा का साबित हुआ।

नवरुणा मामला 

-18 सितंबर, 2012-रात में जवाहरलाल रोड स्थित आवास से खिड़की की राड तोड़कर नवरुणा का अपहरण। 

19 सितंबर-अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, कई से पूछताछ।

20 अक्टूबर-नवरुणा की बरामदगी नहीं होने पर मां-बाप ने आत्मदाह की दी चेतावनी, पांच हिरासत में। 

21 अक्टूबर-पड़ोसी बबलू कुमार, सुदीप चक्रवती और श्याम को जेल।

22 अक्टूबर – डीआइजी के आदेश पर तीन विशेष टीम गठित।

24 अक्टूबर – आश्वासन पर दशहरा तक बेटी के नहीं आने पर पिता ने नींद की दवा खाई।

26 अक्टूबर-तीन टीम में से एक को कोलकाता, दूसरे को दिल्ली भेजा गया।

27 अक्टूबर-अग्रणी स्वाभिमान ने नवरुणा की बरामदगी को लेकर कैंडल मार्च किया।

28 अक्टूबर -एडीजीपी, डीआइजी व एसएसपी ने नवरुणा के घर पहुंच मामले की छानबीन की।

29 अक्टूबर-जेल में बंद बबलू समेत तीनों को रिमांड पर लिया गया। 

31 अक्टूबर -भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य उसके माता-पिता से मिले। 

1 नवंबर – पटना क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची।

2 नवंबर-नवरुणा के घर पहुंचीं मेयर। 

4 नवंबर-फॉरेंसिक टीम नवरुणा के कमरे की खिड़की व चादर का सेंपल लिया। 

5 नवंबर-प्रोपर्टी डीलर रंजीत ठाकुर ने नवरुणा के परिजन को जमीन के लिए 21 लाख एडवांस देने का किया खुलासा। 

6 नवंबर -पूर्व विधायक ने 22 नवंबर को शहर बंद की घोषणा की।

8 नवंबर-राज्य सभा सदस्य अनिल सहनी पहुंचे नवरुणा के घर। 

11 नवंबर-सड़क जाम व प्रदर्शन को लेकर अग्रणी स्वाभिमान, एनजीओ राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद के खिलाफ प्राथमिकी। 

16 नवंबर-टावर लोकेशन के आधार पर एक टीम कोलकाता गई।

22 नवंबर-भाकपा माले का मुख्यमंत्री बताओ मार्च।

26 नवंबर : नवरुणा के घर के सामने गली स्थित नाले से मिली अज्ञात व्यक्ति की सड़ी-गली लाश। 

27 नवंबर-फॉरेंसिक प्रयोगशाला को भेजा गया नर कंकाल। 

10 दिसंबर-फॉरेंसिक रिपोर्ट में 12 से 15 वर्ष की लड़की का बताया गया कंकाल। 

12 दिसंबर-गुत्थी सुलझाने को डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड मांगा गया, लेकिन परिजनों ने नहीं दिया। 

18 दिसंबर-एडीजीपी ने सीआइडी जांच की अनुशंसा की। 

25 दिसंबर-डीजीपी से मिली जांच की अनुमति।

 
 
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