अखिलेश यादव के खिलाफ कांटा से कांटा निकालने में लगे शिवपाल सिंह यादव

समाजवादी पार्टी में उपेक्षा से आहत होकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन करने वाले शिवपाल सिंह यादव अब कांटा से कांटा निकालने में लगे हैं। उनके निशाने पर समाजवादी पार्टी से खफा नेता हैं। वह समाजवादी पार्टी से खफा नेताओं को अपने साथ जोड़कर समाजवादी पार्टी के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं।अखिलेश यादव के खिलाफ कांटा से कांटा निकालने में लगे शिवपाल सिंह यादव

समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनने के बाद से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का साथ छोड़कर नेताओं का शिवपाल यादव के साथ जुडऩे का सिलसिला जारी है। इसके साथ ही शिवपाल सिंह यादव अपने सेकुलर मोर्चा को मजबूत करने के लिए लगातार समाजवादी पार्टी के नेताओं को तोड़कर अपने मोर्चे में बड़ा पद देते जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए इसे अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

30 जिला अध्यक्ष बनाए

शिवपाल सिंह यादव ने दो दिन पहले जब 30 जिला अध्यक्षों की सूची जारी की है। इसमें भी समाजवादी पार्टी के नेताओं के नाम ही नजर आए। दो दिन पहले शिवपाल सिंह यादव की तरफ से सेकुलर मोर्चा के जिन 30 जिला अध्यक्षों की नियुक्त की गई है, उनमें आठ जिले पूर्वांचल के शामिल हैं। जौनपुर में प्रभानंद यादव, मिर्जापुर में श्यामा नारायण यादव, आजमगढ़ में राम प्यारे यादव, बलिया में दिनेश यादव, मऊ में विजय शंकर यादव, गोरखपुर में राम मिलन यादव, और देवरिया में गिरेंद्र यादव को जिला अध्यक्ष बनाया गया है।

शिवपाल ने मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता बलराम यादव के करीबी राम प्यारे यादव को पार्टी से तोड़कर अपने साथ मिलाया है। वहां राम प्यारे सपा के मजबूत नेता माने जाते हैं। ऐसे में उन्हें जिला अध्यक्ष की कमान सौंपने से समाजवादी पार्टी में बेचैनी साफ झलक रही है।

अब तक शिवपाल सिंह यादव सपा के जिन नेताओं को अपने साथ लाने में सफल रहे हैं, उनमें यादव और मुस्लिम चेहरे ज्यादा हैं। पारंपरिक तौर पर यादव तथा मुस्लिम समाजवादी पार्टी का मजबूत वोटबैंक माने जाते रहे हैं। शिवपाल ने जब से मोर्चे का गठन किया है। उनका प्रयास अखिलेश यादव के इसी वोटबैंक में सेंधमारी करने का है।

सेकुलर मोर्चा ने अपने प्रवक्ताओं की लिस्ट में भी जिन चेहरों को शामिल किया है। वह सभी सपा में रह चुके हैं। इसके अलावा एक समय में सपा के मुख्य प्रवक्ता रहे मोहम्मद शाहिद भी पिछले दिनों शिवपाल यादव के साथ जुड़ गए हैं। शाहिद का शिवपाल के साथ जाना भी अखिलेश के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 

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