क्या आप जानते हैं द्रौपदी के 5 पति होने के पीछे का राज़
द्रौपदी भारत की उन ५ कन्याओं में आती हैं जिन्हें विशेष दर्जा दियता गया है. ५ पतियों वाली द्रौपदी को पाने की कोशिश तो बहुत से राजाओं ने की, लेकिन संभव हो नहीं पाया. कहते हैं कि द्रौपदी उस समय की सभी लड़कियों में सबसे ज्यादा मॉडर्न, गुणी, शिक्षित और तेजस्विनी थीं. उन्हें देखकर कोई भी राजकुमार उनसे विवाह करने के सपने संजोने लगता था. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि इतनी संपन्न राजकुमारी को एक पति के बदले ५ पतियों का साथ मिला.
वैसे तो द्रौपदी ने केवल अर्जुन को पसंद किया था और अर्जुन ही मछली की अनख में तीर मारकर द्रौपदी से विवाह किये थे, लेकिन फिर भी द्रौपदी को अर्जुन के बाकी ४ भाइयों से भी विवाह करना पड़ा. द्रौपदी भारत की वह प्रथम महिला है जिसके पांच पति थे? या वह पांच पुरुषों के साथ रमण करती थी? द्रौपदी की कथा-व्यथा से बहुत कम लोग ही परिचित होंगे. क्या उस काल का समाज बहुपतित्व वाली स्त्री को एक्सेप्ट कर सकता था? क्या कोई विवाद खड़ा नहीं हुआ? या कि समाज में बहुपतित्व और बहुपत्नी वाली व्यवस्था थी? द्रौपदी ने जब ऐसा किया था तब भी लोगों को आश्चर्य हुआ था. द्रौपदी के सखा स्वयं कृष्ण जी को भी इस बात से अचरज हुआ था, लेकिन वो द्रौपदी के भूतकाल को जानते थे और उन्हें ज्ञात था कि ये सब पूर्व जन्म में किये कर्मों का फल है.
ऐसा नहीं है कि ये सब बस यूँही हो गया उअर कुंती के कह देने मात्र से द्रौपदी को ५ पतियों के साथ जीवन बिताना पड़ा. इसका बड़ा कारण था. ये द्रौपदी के पिछले जन्म के कारण था. द्रौपदी अपने पिछले जन्म मैं इन्द्र्सेना नाम की ऋषि पत्नी थी. उसके पति संत मौद्गल्य का देहांत जल्दी ही हो गया था.