वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा, पानी से मर सकता है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस से बचने के लिए साफ-सफाई रखने और बार-बार हाथ धोने को कहा जा रहा है. वायरस के फैलने से लेकर इसके स्वरूप और संरचना को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. वहीं अब रूस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस पानी में पूरी तरह खत्म हो जाता है. ये स्टडी स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी वेक्टर द्वारा की गई है.
स्टडी में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पानी कोरोना वायरस को 72 घंटों के भीतर लगभग पूरी तरह से खत्म कर सकता है. स्टडी के अनुसार, वायरस का रूप सीधे तौर पर पानी के तापमान पर निर्भर है. वैज्ञानिकों का दावा है कि 90 फीसदी वायरस के कण 24 घंटे में और 99.9 फीसदी कण कमरे के सामान्य तापमान पर रखे पानी में मर जाते हैं.
स्टडी में कहा गया है कि उबलते पानी के तापमान पर कोरोना वायरस पूरी तरह से और तुरंत मर जाता है. हालांकि कुछ स्थितियों में वायरस पानी में रह सकता है, लेकिन ये समुद्र या ताजे पानी में नहीं बढ़ता है.
कोरोना वायरस स्टेनलेस स्टील, लिनोलियम, कांच, प्लास्टिक और सिरेमिक सतह पर 48 घंटे तक सक्रिय रहता है. शोध में पाया गया कि ये वायरस एक जगह टिक कर नहीं रहता है और ज्यादातर घरेलू कीटाणुनाशक इसे खत्म करने में प्रभावी साबित हो रहे हैं.
शोध में पता चला है कि 30 फीसदी कॉन्सन्ट्रेशन के एथिल और आइसोप्रोपाइल अल्कोहल आधे मिनट में वायरस के एक लाख कणों को मार सकते हैं. ये पिछले स्टडी के उन दावों को खारिज करता है जिसमें कहा गया था कि वायरस को खत्म करने के लिए 60 फीसदी से ज्यादा कॉन्सन्ट्रेशन वाले अल्कोहल की जरूरत होती है.
नई स्टडी के अनुसार, सतह को कीटाणुमुक्त करने में क्लोरीन भी काफी कारगर साबित हुआ है. किसी क्लोरीन से डिसइंफेक्ट करने पर Sars-CoV-2 30 सेकंड के भीतर पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं.
रूस ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना लेने का भी दावा किया है. वहां की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गेमालेया इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित वैक्सीन 15 अगस्त तक लोगों को उपलब्ध करा दी जाएगी.