साऊदी अरब तेल से कमाया हुए पैसे का एक हिस्सा समुद्र के पानी से नमक को निकालने में खर्च कर देता है

साऊदी अरब वो देश है जहां की धरती रेतीली है. यहां तेल का उत्पादन होता है जिस कारण ये देश अमीरों की संख्या में आता है. हालांकि साऊदी अरब में पीने के पानी की भारी कमी है.

साऊदी अरब में एक भी नदी नहीं है और ना ही कोई झील. कहा जाता है कि यहां कुआं तो है लेकिन उसमें पानी नहीं है. पानी की इतनी भारी कमी को देखते हुए जहन में कई सवाल उठते है. साऊदी अरब फिर पानी कहा से लाता है, चलिए जानते इसके पीछे हैरान कर देने वाली सच्चाई.

बताया जाता है कि इस देश में केवल एक फीसदी जमीन ही खेती के लायक है. जैसा कि धान और गेहूं जैसी फसलें उगाने के लिए भारी मात्रा में पानी की जरूरत पड़ती है इसलिए यहां कुछ ही सब्जियां उगाई जाती है. बताया जाता है कि साऊदी अपना खाने-पीने का सभी सामान विदेशों से ही खरीदता है.

साऊदी अरब के पास साफ पानी थोड़ा ही बचा है और वह भी धरती के बहुत नीचे है. एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले कुछ सालों में वो पानी भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा.

कहा जाता है कि कई सालों पहले इस देश में भारी तादाद में कुएं हुआ करते थे, लेकिन जैसे जैसे आबादी बढ़ती गई ये कुएं खत्म होने की कगार पर जा पहुंचे हैं.

देश में बारिश साल में एक दो बार ही पड़ती है. ऐसे में बारिश के पानी का इस्तेमाल करना भी संभव नहीं होता. बताया जाता है कि यहां समुद्र के पानी को पीने लायक बनाया जाता है.

ऐसे तो समुद्र के पानी में भारी मात्रा में नमक होता है लेकिन उसको डिसालिनेशन के जरिए नमक को अलग किया जाता है. जिसके बाद उस पानी का इस्तेमाल पीने के लिए किया जाता है.

एक रिपोर्ट की माने तो साऊदी अरब तेल से कमाया हुए पैसे का एक हिस्सा समुद्र के पानी से नमक को निकालने में खर्च कर देता है. 2009 में सामने आया था कि एक क्यूबिक मीटर पानी से नमक निकाल ने में साऊदी के 2.57 साऊदी रियाल यानी करीब 50 रुपये खर्च होते है.

सोचिये कितने क्यूबिक मीटर पानी के लिए किताना पैसा खर्च होता होगा. वहीं 2011 में साऊदी अरब के तत्कालीन जल मंत्री का कहना था कि देश में हर साल पानी की मांग 7 फीसदी बढ़ती जा रही है. अब आप ही सोचिये कि साऊदी अरब के लिए पानी समस्या कितनी गंभीर है.

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