गंगवाल-सरवटे बस स्टैंड का रास्ता साफ, शुरू होगी तोड़फोड़

इंदौर। गंगवाल से सरवटे बस स्टैंड के बीच बनने वाली साढ़े पांच किमी लंबी सड़क का रास्ता गुरुवार को साफ हो गया। हाई कोर्ट की डिविजनल बेंच के फैसले के खिलाफ रहवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए माना कि हाई कोर्ट का फैसला सही है। इसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद शहर में एक बार फिर तोड़फोड़ का दौर शुरू हो जाएगा।गंगवाल-सरवटे बस स्टैंड का रास्ता साफ, शुरू होगी तोड़फोड़

गौरतलब है कि मास्टर प्लान के तहत गंगवाल बस स्टैंड से सरवटे बस स्टैंड तक की साढ़े पांच किमी लंबी वर्तमान सड़क को 80 फीट (24 मीटर) चौड़ा किया जाना है। इस चौड़ीकरण की जद में 600 से ज्यादा परिवार आ रहे हैं। इनमें से कुछ रहवासियों के पूरे मकान जमींदोज हो रहे हैं तो कुछ के मकान का कुछ हिस्सा। मच्छी बाजार से होकर सिलावटपुरा तक के 600 मीटर के हिस्से में रहने वाले 300 से ज्यादा रहवासियों ने निगम की कार्रवाई का विरोध करते हुए हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं।

21 दिसंबर 2017 को इन याचिकाओं को हाई कोर्ट की डिविजनल बेंच ने खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ रहवासी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। इसके बाद से पूरे क्षेत्र में तोड़फोड़ की कार्रवाई रुक गई थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में शासन ने जवाब दिया कि तोड़फोड़ की कार्रवाई विकास के लिए की जा रही है। इसमें किसी कानून का उलंघन नहीं हो रहा। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर अंतिम बहस हुई। नगर निगम की तरफ से एडवोकेट मनोज मुंशी ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों की तरफ से लंबी बहस सुनने के बाद कोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में रहवासियों की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने माना कि हाई कोर्ट के फैसले में संशोधन की कोई गुंजाइश नहीं है।

दूसरी याचिकाओं पर पड़ेगा असर

नगर निगम द्वारा की जा रही तोड़फोड़ को लेकर कई याचिकाएं हाई कोर्ट में चल रही हैं। कड़ावघाट, चंद्रभागा क्षेत्र के रहवासियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित होने की वजह से करीब 4 महीने से नगर निगम की कार्रवाई पर रोक लगी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर हाई कोर्ट में चल रही याचिकाओं पर भी पड़ेगा। माना जा रहा है कि अब नगर निगम की कार्रवाई में तेजी आएगी।

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