सोने से पहले पलंग के नीचे से हटा दे ये सामान, वरना…

अच्छे स्वास्थ्य और शरीर में दिनभर की ऊर्जा के लिए पूरी नींद मिलना बहुत जरूरी हैं। नींद पूरी नहीं हो पाती हैं तो पूरा दिन थकान और तनाव में गुजरता हैं। लेकिन देखा जाता हैं कि कई लोगों को दिनभर की थकान के बाद भी रात को नींद नहीं आ पाती हैं जिसका असर उनके व्यवहार और सेहत पर पड़ता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी नींद में बाधा का कारण वास्तु दोष भी हो सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं वास्तुदोष की जानकारी देने जा रहे हैं जो बार-बार नींद में बाधा का कारण बनते हैं जिनका निवारण कर आप राहत पा सकते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

शयनकक्ष में रखी ये चीजें

कई बार शयन कक्ष में फ्रिज आदि भी रख देते हैं लेकिन वास्तुशास्त्र कहता है कि शयनकक्ष में फ्रिज, इन्वर्टर या गैस सिलेंडर आदि चीजें नहीं रखनी चाहिए। ये चीजें आपकी आपकी नींद में रुकावट पैदा करने का कारण बन सकती हैं। इनसे आपको मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ सकता है, इसलिए यदि आपके शयनकक्ष में यदि ये सारी चीजें रखी हुई हैं तो वहां से हटा दें।

पलंग के नीचे बेवजह का सामान

कई बार यदि कुछ सामान ज्यादा हो जाए तो पलंग के नीचे खसका देते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार पलंग के नीचे भूलकर भी बिन वजह का सामान नहीं रखना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगत है जिसके कारण रात में बार-बार नींद में बाधा पड़ने की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही अपना बिस्तर या फिर पलंग ठीक दरवाजे के सामने नहीं लगाना चाहिए। इससे भी आपकी नींद में रुकावट आती है।

पलंग से जुड़ी ये बातें

वास्तुशास्त्र के अनुसार कभी भी लोहे का पलंग नहीं होना चाहिए पलंग हमेश लकड़ी का ही सही रहता है। वास्तु कहता है कि पलंग का आकार वृत्ताकार, अर्धचंद्राकार या धनुष के आकार का नहीं होना चाहिए। इससे आपको मानसिक बैचेनी हो सकती है। पलंग हमेशा आयताकार ही सही रहता है।

शयनकक्ष की स्थिति

वास्तुशास्त्र के अनुसार शयनकक्ष में कभी भी पलंग के सामने या फिर पीछे की और शीशा नहीं लगा होना चाहिए। इसके साथ ही शयनकक्ष में फालतू के बिजली उपकरण नहीं रखने चाहिए। यदि शयनकक्ष की कोई पंखा आदि खराब है या फिर आवाज करता है तो उसे तुरंत ठीक करवाना चाहिए। इसके अलावा शयनकक्ष में कभी भी कांटेदार पौधा या फिर नुकीला शोपीस नहीं रखना चाहिए।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। lifeberrys हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से संपर्क जरुर करें)

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