अटल जी थे खाने के सबसे ज्यादा शौकीन, कानपुर से रिश्‍तेदार से जरूर मंगवाते थे ‘ठग्गू के लड्डू’

लखनऊ: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एम्स में निधन हो गया है. देश के लिए यह काफी दुख की घड़ी है. अटल की मीठी बोली और निराले व्यक्तित्व के तो विरोधी भी दीवाने थे. मगर क्या आप जानते है कि वाजपेयी बहुत लजीज़ खाने के भी शौकीन थे. उन्‍हें लड्डू और गजक बहुत पसंद था. कानपुर में रहने वाले उनके रिश्‍तेदार जब भी मिलने जाते थे वे ‘ठग्गू के लड्डू’  जरूर लेकर जाते थे.अटल जी थे खाने के सबसे ज्यादा शौकीन, कानपुर से रिश्‍तेदार से जरूर मंगवाते थे 'ठग्गू के लड्डू'

दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी के बड़े भाई प्रेम बिहारी वाजपेयी की पौत्री नंदिता की शादी पांडुनगर के रहने वाले राजेंद्र मिश्रा बब्‍बू के छोटे बेटे सुमित मित्रा से हुई है. उन्‍होंने बताया कि हम लोग जब दिल्‍ली जाते थे तो उनके लिए ‘ठग्गू के लड्डू’  जरूर ले जाते थे. वह चाव से खाते थे. इसके अलावा उन्‍हें गजक भी बहुत पंसद थे. सर्दी में तो गजक न ले जाएं तो उलाहना देने लगते थे. इसके अलावा उन्‍हें बूंदी वाला लड्डू भी बेहद पसंद था.

खाने के बड़े शौकीन थे अटल

अटल बिहारी वाजपेयी खाने के बड़े शौकीन थे और खाने को लेकर एक किस्सा बेहद मशहूर है. खाने को लेकर उनकी दीवानगी का आलम यह था कि एक बार आधिकारिक भोज के दौरान उन्हें गुलाब जामुन से दूर रखने के लिए उनके सहयोगियों को उनका ध्यान वहां से हटाने के लिये बॉलीवुड स्टार माधुरी दीक्षित को वहां तैनात करना पड़ा. वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्हें जानने वाले आज एक राजनेता के तौर पर तो उन्हें याद कर ही रहे हैं, खानपान को लेकर उनका शौक भी उनके करीबी सहयोगियों और पत्रकारों के बीच चर्चा का विषय है, खास तौर पर मिठाइयों और सी-फूड को लेकर जिसमें झींगा उन्हें खास तौर पर पसंद था.

खाने से ध्यान हटाने के लिेए माधुरी से मिलवाया

वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई याद करते हैं कि प्रधानमंत्री रहते वाजपेयी ने एक आधिकारिक भोज के दौरान कैसे सख्त परहेज पर रहने के दौरान भी खाने के काउंटर का रुख कर लिया. इसके बाद उनके सहयोगियों ने एक योजना बनाई. उन्होंने प्रधानमंत्री को फौरन वहां मौजूद माधुरी दीक्षित से मिलवाया और जल्द ही फिल्मों के बेहद शौकीन वाजपेयी खाने की बात भूलकर काफी देर तक उनसे फिल्मों के बारे में बात करते रहे. किदवई याद करते हुए कहते हैं, इस बीच, उनके सहयोगियों ने तेजी से उनकी कतार से मिठाइयां हटा दीं. वाजपेयी के साथ काम कर चुके नौकरशाह कहते हैं कि वह जहां कहीं भी जाते थे वहां के स्थानीय पकवान का स्वाद चखने पर जोर देते थे.

शौक से हर खाना खाते थे वाजपेयी

नौकरशाह ने कहा, ऐसे में यह कोलकाता में पुचका था, हैदराबाद में बिरयानी और हलीम और लखनऊ में गलावटी कबाब होते थे. वह खास तौर पर चाट मसाले के साथ पकौड़े और मसाला चाय पसंद करते थे. उनकी करीबी लोग याद करते हैं कि कितने शौक से वह हर खाना खाते थे. एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि कई मौकों पर उन्हें और उनके साथी पत्रकारों को खुद वाजपेयी जी के हाथों से पकाए पकवान खाने का मौका मिला. उन्होंने याद करते हुए कहा, वह कम से कम एक व्यंजन हमारे लिए पकाते थे.

वह चाहे मिठाई हो या कुछ मांसाहारी. एक करीबी सहयोगी ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान वाजपेयी नमकीन मूंगफली खाते रहते थे और चाहते थे कि जब भी उनकी प्लेट खाली हो, उसे फौरन भर दिया जाए. एक करीबी सहयोगी ने कहा कि लालजी टंडन उनके लिए लखनऊ के चौक इलाके से कबाब लेकर आते थे, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल उनके लिए पुरानी दिल्ली से बेड़मी आलू और चाट लेकर आते थे. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू आंध्र प्रदेश से उनके लिए झींगा लाते थे.

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