रेप पीड़ित को सिपाही के साथ भेजा मेडिकल कराने, वो यहां छोड़कर भाग गया

इंदौर।खरगोन के टांडाबरूड़ में 12 साल की नाबालिग का संघर्ष खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले उसी के चचेरे भाई ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाकर प्रेग्नेंट कर दिया और अब पुलिस ने भी बेशर्मी की हदें पार कर दी है। पुलिस लड़की को मेडिकल जांच के लिए इंदौर तो लाई लेकिन बाद में उसे यहीं भटकने के लिए छोड़ गई। इसके पहले रेप की एफआईआर दर्ज करवाने के लिए उसे 13 घंटे तक थाने में बैठना पड़ा था। रेप पीड़ित को सिपाही के साथ भेजा मेडिकल कराने, वो यहां छोड़कर भाग गया

जांच के लिए पुरुष पुलिसकर्मी को भेजा, वह यहीं छोड़ गया…

  – 6 महीने की प्रेग्नेंट नाबालिग बेटी का गर्भपात करवाने के लिए परिजनों ने कोर्ट से अनुमति देने की गुहार लगाई है। इस पर कोर्ट ने पुलिस को इंदौर में चिकित्सा विशेषज्ञों से जांच करवाकर रिपोर्ट बुलवाई है। इस पर टांडाबरूड़ पुलिस का एक जवान उन्हें इंदौर लेकर आया और एमवाय अस्पताल में छोड़कर लौट गया। यहां महिला डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम ने जांच की और रिपोर्ट बुधवार को देने की बात कही। रिपोर्ट एक दिन बाद मिलने के कारण पीड़िता और उसके परिजन एमवाय में ही भटकते रहे।
एडवोकेट सीके पाठक का कहना है कि यह गंभीर प्रकृति का मामला है। पीड़िता के साथ महिला पुलिस का हाेना जरूरी है। पुलिस को पीड़िता की मेडिकल जांच से लेकर वापस लाैटने तक इंतजाम करना था। पीड़िता के परिजन अनपढ़ व गरीब होने के साथ इंदौर शहर से अनजान हैं। वहीं एसपी कल्याण चक्रवर्ती का कहना है कि यदि महिला पुलिस को साथ नहीं भेजा है और पीड़िता को इंदौर छोड़ आए हैं तो जांच करेंगे।

फरियादी है आरोपी नहीं, इसलिए छोड़ आए

– टांडाबरूड़ थाना प्रभारी पीके मुवैल ने कहा कि पीड़िता और उसके परिजनों को पुलिस इंदौर लेकर गई थी। वह फरियादी है कोई आरोपी नहीं, इसलिए जवान अस्पताल में छोड़कर आ गया था। महिला पुलिस के बारे में पूछने पर कहा अभी खरगोन में गणेश विसर्जन की ड्यूटी में हूं। नाम नहीं पता महिला पुलिस का।

पीड़िता को भोजन और स्वास्थ्य के लिए 10 हजार रुपए मंजूर

– पीड़िता के लिए नि:शुल्क कानूनी सेवाएं कर रहे राजेंद्रसिंह परमार ने बताया एडीजे मेरी मा. फ्रांसिस डेविड की कोर्ट में पीड़िता के खान-पीने, स्वास्थ्य और खर्च के लिए प्रतिकर के लिए आवेदन किया। कोर्ट ने 10 हजार रुपए मंजूरी दी है। कोर्ट ने विधिक सेवा प्राधिकरण को जल्द राशि देने को कहा है। 

यह है पूरा मामला

– खरगोन से टांडाबरूड़ में कुछ दिनों पहले 12 साल की एक नाबालिग के छह महीने की प्रेग्नेंसी का मामला सामने आया था। दुष्कर्मी उसी का चचेरे भाई है। परिजनों ने पुलिस को शिकायत कर गर्भपात पर अड़े थे, जबकि डॉक्टरों ने पीड़िता और नवजात की जान को खतरा बताया था। इसके बाद परिजन कोर्ट पहुंचे हैं।

ऐसे हुआ था खुलासा

– 12 साल की नाबालिग ने बताया था कि छह माह पहले वह घर के पीछे रहने वाले आरोपी लखन दारासिंह जमरे (19) की किराना दुकान पर सामान लेने गई थी। यहां लखन ने अंदर बुलाकर दरवाजा बंद किया और धमकाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद आरोपी ने लड़की की चुप्पी का फायदा उठाकर कई बार दुष्कर्म किया। कुछ दिन पहले बच्ची जब बुआ के घर गई और वहां उसका पेट दर्द हुआ तो पुरा मामना सामने आया। 
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