हाई कोर्ट का केरल सरकार से सवाल, कहा- अगर आदमी का कब्जा होता तो भी क्या रवैया यही रहता?

केरल के परिवहन मंत्री थॉमस चांडी द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने का केस केरल हाईकोर्ट पहुंच चुका है। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अगर यह कब्जा मंत्री की जगह किसी आम आदमी ने किया होता तो भी क्या सरकार का रवैया ऐसा ही होता? केरल सरकार पर उनके खिलाफ एक्शन ना लेने के आरोप लगा था।
दरअसल थॉमस चांडी पर केरल में सरकारी जमीन पर मौजूद पूननामदा झील के एक हिस्से पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा करने का आरोप लगा है। राजस्व विभाग द्वारा इससे जुड़ी एक रिपोर्ट जारी करने के बाद एक शख्स ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।

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क्या है आरोप? चांडी पर आरोप है कि उन्होंने धान की खेती की जमीन को भरकर अपने रिसॉर्ट तक एक किलोमीटर का रास्ता बनाया है। यह सड़क सात मीटर चौड़ी है जबकि नियमों के मुताबिक धान के खेत पर बनने वाली सड़क की चौड़ाई चार मीटर होनी चाहिए। साथ ही खेत के पानी के बहाव की दिशा बदलने और रिसॉर्ट के गेट के सामने पार्किंग बनाने का भी आरोप है।

NCP के सबसे अमीर विधायक

शरद पवार की पार्टी एनसीपी के नेता चांडी केरल विधानसभा के सबसे अमीर विधायक हैं, कुवैत और सऊद में उनके स्कूल भी चलते हैं। वह वाटर वर्ल्ड टूरिज्म कंपनी के डायरेक्टर भी रहे थे। उन्होंने अप्रैल में ए के सैसेन्द्रन के इस्तीफे के बाद परिवहन मंत्री बनाया गया था। सैसेन्द्रन ने टेलीफोन सेक्स स्कैंडल में नाम आने पर इस्तीफा दिया था।

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अपने ऊपर लगे आरोपों पर चांडी ने कहा कि अगर मैंने एक प्रतिशत भी जमीन पर कब्जा किया होगा तो मैं मंत्री पद छोड़ने के साथ-साथ विधायक के पद से भी हटने को तैयार हूं। चांडी ने कहा कि उन्होंने तो सिर्फ सड़क की मरम्मत की जो आम लोगों के भी काम आएगी।

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