सेना मुख्यालय पर हमला मामले में इमरान के खिलाफ अभियोग तय
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए सत्ता और सेना से टकराव मोल लेना महंगा साबित होता जा रहा है।
रावपिंडी स्थित अदियाला जेल में आतंकवादी कोर्ट (एटीसी) न्यायाधीश अमजद अली शाह की अदालत ने गुरुवार को इसी जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान और अलावा पूर्व गृह मंत्री शेख राशिद, पूर्व प्रांतीय कानून मंत्री राजा बहारत और विपक्ष के वर्तमान नेता उमर अयूब समेत पीटीआई के कुछ अन्य नेताओं के विरुद्ध जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) पर हमला मामले में अभियोग निर्धारित कर दिया। अपने विरुद्ध आरोप सुनाए जाने के बाद इमरान ने स्वयं को निर्दोष बताया।
इमरान की बीवी बुशरा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
उधर इस्लामाबाद की एक अदालत ने गुरुवार को इमरान की पत्नी बुशरा बीबी के विरुद्ध नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को बुशरा बीबी को गिरफ्तार करने की अनुमति दी है। विचाराधीन तोशाखाना मामले में नौ महीने जेल में रहने के बाद अक्टूबर में बुशरा रिहा हुई हैं।
पिछले सप्ताह समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद इस्लामाबाद में इमरान के विरुद्ध 14 मामले पंजीकृत होने के साथ ही देश की राजधानी में दर्ज मामलों की संख्या 76 हो गई है।
इस्लामाबाद के डी-चौकर पर 24 नवंबर को हुए प्रदर्शन के बाद ये मामले दर्ज किए गए हैं।एक जवाबदेही मामले में इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनके हजारों समर्थकों और पीटीआइ कार्यकर्ताओं ने नौ मई, 2023 को जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आइएसआइ भवन पर हमला किया था। इसके बाद रावलपिंडी के आरए बाजार थाने में इमरान समेत 143 के विरुद्ध मामला पंजीकृत किया गया था।