40 रुपए से 50 रुपए प्रति किलो हुए आलू के दाम, किसान आंदोलन की वजह से आलू हुआ इतना महंगा
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में मौजूदा समय में किसानों का हल्ला बोल है। सभी बॉर्डर पर ट्रैफिक जाम लगा हुआ है। जिसकी वजह से दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियों और फलों की सप्लाई बाधा पड़ रही है। जिसकी वजह से दिल्ली में फलों और सब्जयों के दाम में इजाफा हो गया है। दिल्ली वालों को आलू और सेब काफी ज्यादा दामों में खरीदने पड़ रहे हैं। खुदरा फल और सब्जी कारोबारियों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो आने वाले दिनों में कीमतों में और इजाफा होने की उम्मीद है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आलू और सेब की कीमत कितनी हो गई है।
आलू और सेब की कीमत में इजाफा
दिल्ली में जहां सेब का खुदरा भाव 80 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम था जो बढ़कर 120 किलो से ज्यादा हो गया है। वहीं दूसरी ओर आलू का भाव 40 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 50 से 60 रुपए प्रति किलो हो गया है। वहीं दूसरी सब्जियों और फलों के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। कारोबारियों का कहना है कि सप्लाई कम के कारण इनकी कीमतों में आगे और इजाफा हो सकता है। दिल्ली में इस समय नया आलू हिमाचल प्रदेश और पंजाब से आता है जबकि सेब जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से आता है, लेकिन किसान आंदोलन के चलते ट्रकों का आना दिल्ली आने वाले मुख्यमार्ग पर धरना प्रदर्शन के चलते मुश्किल हो गया है।
दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की सूची से बाहर हुआ भारत, जानिए दुनिया की सबसे बड़ी ताकत कौन?
और बढ़ सकते हैं दाम
मॉडल टाउन के खुदरा सब्जी विक्रेता सुशील कुमार के अनुसार किसान आंदोलन के कारण बीते दो दिनों से फलों और सब्जियों की आवक घट गई है, इसलिए कीमतों में तेजी आई है। किसानों का आंदोलन आगे और जारी रहा तो आलू और सेब के दाम में और इजाफा हो सकता है। अगर बात आवक की करें तो शनिवार मंडी में आलू की आवक सिर्फ 783.5 टन थी, जबकि किसानों का प्रदर्शन शुरू होने से पहले मंगलवार को 1,700 टन से ज्यादा आलू की आवक दर्ज की गई थी।
प्रदर्शनकारियों से अपील
आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “किसी भी प्रदर्शन के दौरान दूध, फल, सब्जी जैसी रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की आपूर्ति नहीं रोकी जाती है, लेकिन यहां इनकी आपूर्ति रोकी जा रही है।