योगी सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के जरिये पूर्वी उत्तर प्रदेश का दिल जीतने की तैयारी

लखनऊ। मिशन 2019 की चुनावी तैयारी में जुटी योगी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के जरिये पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता का दिल जीतने की पहल की है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण अगले माह से शुरू हो जाएगा। 36 माह से घटाकर अब 30 माह में इसका निर्माण कार्य पूरा होगा। कैबिनेट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इस एक्सप्रेस-वे की लागत 2300 करोड़ रुपये घटाने का फैसला किया। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इशारों में इसके लिए पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। योगी सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के जरिये पूर्वी उत्तर प्रदेश का दिल जीतने की तैयारी

लोकभवन में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में एक्सप्रेस-वे समेत दस महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली। सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने फैसलों की जानकारी दी। बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से इलाहाबाद और गोरखपुर के लिंक जुड़ेंगे। पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की लागत 14100 करोड़ रुपये थी लेकिन, अब घटाकर 11800 करोड़ रुपये कर दिया गया है। प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि इसके लिए 90.9 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण कर लिया गया है। जब तक इसकी शुरुआत होगी 100 फीसद भूमि अधिग्रहीत हो जाएगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 120 मीटर चौड़ा होगा। 

इसलिए घटी लागत 

यूपीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीश अवस्थी ने बताया कि पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के मीडियन (बीच में छोड़ी जाने वाली जगह) की चौड़ाई 22 मीटर तय की गई थी। इसे घटाकर अब 5.5 मीटर कर दिया गया है। इससे लागत में कमी आयी है। हाल ही में योगी सरकार ने मिट्टी के खनन पर रायल्टी खत्म कर दी है। मिट्टी के खनन पर 30 रुपये प्रति घन फीट की दर से रायल्टी निर्धारित थी। इसके खत्म होने से भी परियोजना की लागत में कमी आयी है। इसके अलावा परियोजना की डिजाइन में भी बदलाव किया है जिसका असर लागत पर पड़ा है।

राज्य सरकार ने ली शासकीय गारंटी 

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की परियोजना के लिए बैंकों के जरिये वित्त पोषण होगा। यूपीडा के माध्यम से सिविल निर्माण के लिए 12 हजार करोड़ रुपये की धनराशि के लिए राज्य सरकार ने शासकीय गारंटी ली है। कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी। राज्य सरकार इस परियोजना पर 8.25 प्रतिशत ब्याज तीन वर्ष तक देगी। 

आठ पैकेज में होगा निर्माण, 30 अप्रैल तक मांगी आरएफपी 

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए आठ पैकेज (टुकड़े) बनेंगे। यूपीडा ने एक्सप्रेस-वे के निर्माण में रुचि दिखाने वाली 12 कंपनियों से 30 अप्रैल तक रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) मांगा है। सबसे कम रेट वाली कंपनियों को ही मौका मिलेगा। निविदा के जरिये ही प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर डवलपर का चयन होगा। कुछ कंपिनयां तो कभी आठों पैकेज का काम करना चाह रही हैं। सिद्धार्थनाथ ने बताया कि इन कंपनियों में कुछ तो वहीं हैं जिन्होंने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे का पैकेज के हिसाब से निर्माण कराया था। 

राज्य सरकार दे चुकी 4670 करोड़ 

राज्य सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 4670 करोड़ रुपये दे चुकी है। 1200 करोड़ रुपये हुडको से मिला है जबकि विधानसभा में पेश बजट में एक्सप्रेस के लिए 1000 करोड़ रुपये रखे गये हैं। सिद्धार्थनाथ ने बताया कि मार्केट से पैसे लेने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि एशियन डेवलपमेंट बैंक जैसे संस्थाओं से धन लेने के लिए यह समिति काम करेगी। एक माह के भीतर बेहतर संस्था का चयन कर लिया जाएगा। 

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए 450 करोड़ जारी 

शासन ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन खरीदने के लिए 450 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। यह धनराशि पांच जिलों के जिलाधिकारियों को दी गई है। इस सिलसिले में जारी शासनादेश के मुताबिक बाराबंकी व लखनऊ को 25-25 करोड़ रुपये, गाजीपुर को 200 करोड़ रुपये, सुलतानपुर को 100 करोड़ रुपये और आजमगढ़ को 100 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं। चालू वित्तीय वर्ष के बजट में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।

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