यूक्रेन-रूस युद्ध पर डोनाल्ड ट्रंप का प्लान तैयार, पुतिन को मनाना होगा मुश्किल
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन और रूस संघर्ष के लिए अपने विशेष सलाहकार के तौर पर सेवानिवृत्त जनरल कीथ केलाग को चुना है। अमेरिका में कई अहम पदों पर काम कर चुके कीथ के सामने यूक्रेन और रूस के विशेष दूत के रूप में दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध को खत्म करने की चुनौती है। उन पर ट्रंप के वादे को पूरा करने का भी बोझ है, जिन्होंने अमेरिकी चुनाव में यूक्रेन युद्ध खत्म करने का एलान किया है।
इस संबंध में कीथ के पास एक खास प्लान है। डोनाल्ड ट्रंप ने इस नियुक्ति के साथ यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए केलाग की शांति योजना को भी अपनाया है। उनकी इस योजना में युद्ध विराम, बातचीत और यूक्रेन को सैन्य सहायता में बदलाव शामिल है। हालांकि यह योजना आसान नहीं है। इसमें कई चुनौतियां हैं, जिसमें खासतौर से रूस की मांगों से निपटने और पश्चिमी देशों में एकता बनाए रखने जैसे सवालों के जवाब ढूंढ़ना शामिल है।
पुतिन की काफी नाराजगी यूक्रेन के नाटो में शामिल होने पर रही
जनरल कीथ केलाग ने अमेरिका फर्स्ट पालिसी इंस्टीट्यूट के लिए लिखते हुए अपनी शांति योजना को विस्तार से बताया है, जिसके तहत वह रूस-यूक्रेन जंग को रुकवाने की उम्मीद रखते हैं। केलाग का कहना है कि यूक्रेन की नाटो सदस्यता वास्तव में एक बहुत दूर की संभावना है। ऐसे में इसे सुरक्षा गारंटी के व्यापक शांति समझौते के बदले में अनिश्चित काल के लिए रोक दिया जाना चाहिए। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की काफी नाराजगी यूक्रेन के नाटो में शामिल होने पर रही है।
यूक्रेन को रूस से लड़ने के लिए युवाओं की जरूरत: ब्लिंकन
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ छेड़े गए युद्ध में सफल होने के लिए उसे सेना में युवा लोगों को शामिल करने की जरूरत है। एक साक्षात्कार में ब्लिंकनकी टिप्पणी पश्चिमी अधिकारियों के बीच बढ़ते दृष्टिकोण को दर्शाती है कि कीव को रूसी युद्ध के मैदान में बढ़त हासिल करने के लिए तत्काल अधिक जनशक्ति के साथ-साथ धन और गोला-बारूद की आवश्यकता है।यूक्रेन के सहयोगी लंबे समय से इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाने से बचते रहे हैं, क्योंकि इसकी राजनीतिक संवेदनशीलता है। लेकिन ¨ब्लकन की टिप्पणियों से पता चलता है कि अब उन्हें उम्मीद है कि जनता के दबाव के कारण कीव युवाओं को संगठित करने पर पुनर्विचार करेगा।