पाकिस्तान पर आया बड़ा संकट, 100 रुपये किलो हुए चीनी के दाम

पाकिस्तान की सरकारी ट्रेडिंग कंपनी टीसीपी ने सोमवार को 50 हजार टन चीनी (शक्कर) आयात करने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए. लेकिन इस टेंडर में उन देशों का नाम नहीं है जिन्हें पाकिस्तान ने ‘प्रतिबंधित देश’ की सूची डाल रही है, इसमें भारत का नाम भी शामिल है. पाकिस्तान के इस फैसले को भारतीय चीनी उद्योग ने पड़ोसी मुल्क के लिए ‘बैड लक’ करार दिया है.

एक समाचार एजेंसी के मुताबिक यह चीनी के आयात के लिए ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान (टीसीपी) की तीसरी निविदा है. इससे पहले, पाकिस्तान ने 50,000 टन के लिए दो टेंडर जारी किए थे लेकिन उन देशों में शक्कर की कीमत ज्यादा होने की वजह से उन निविदाओं को रद्द कर दिया गया था. 

पाकिस्तान चीनी की कमी से जूझ रहा है. पाकिस्तान में चीनी की कीमत 100 रुपये किलो तक पहुंच गई है. आने वाले रमजान के पवित्र महीने के मद्देनजर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए बढ़ती कीमतों ने चीनी को कड़वा बना दिया है. आसमान छू रही महंगाई को लेकर पाकिस्तानी जनता का गुस्सा भी सामने आ रहा है.

चीनी के दामों को लेकर एक महिला ने इमरान खान को खरी-खोटी सुनाई थी जो सुर्खियां बनीं. इमरान खान ने जनता के सवालों का सामना किया था. इस दौरान एक महिला ने कहा था कि रमजान का महीना आने वाला है लेकिन जरूरी सामानों के दाम आसाम छू रहे हैं. इमरान खान से महिला ने कहा था कि, ‘प्लीज महंगाई कम करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करें. अगर आप ये नहीं कर सकते हैं तो ये जो पहले दिन से बोल रहे हैं कि घबराना नहीं है, तो आप हमें घबराने की इजाजत दे

पिछले सप्ताह पाकिस्तान की इकोनॉमिक कॉर्डिनेशन कमेटी ने भारत से चीनी और कपास आयात की अनुमति देने की सिफारिश की थी. इससे दोनों मुल्कों के बीच फिर से कारोबारी रिश्ते शुरू होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन इमरान खान सरकार की कैबिनेट ने इस फैसले को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया था. पाकिस्तान की सरकार ने कहा कि जब तक कश्मीर पर भारत अपने फैसले को वापस नहीं ले लेता, तब तक रिश्ते बहाल नहीं होंगे.

50,000 टन चीनी के आयात के लिए एक नए इंटरनेशनल टेंडर जारी करते हुए टीसीपी ने वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं को स्पष्ट कर दिया कि ” चीनी लदा कार्गो इजरायल या किसी अन्य प्रतिबंधित देश से नहीं आना चाहिए.” टेंडर में कहा गया है कि ग्लोबल सप्लायर्स को 14 अप्रैल तक टेंडर भरने को कहा गया है.

अखिल भारतीय चीनी व्यापारी संघ के प्रफुल्ल विठलानी कहते हैं कि सड़क के रास्ते भारत से चीनी आयात करना पाकिस्तान के लिए किसी अन्य देश के मुकाबले ज्यादा सस्ता सौदा होता है. पंजाब के रास्ते अगर पाकिस्तान चीनी मंगाता है तो उसे चीनी प्रति टन 398 डॉलर पड़ेगी. 

ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के मुताबिक महंगा होने की वजह से पाकिस्तान पहले ही दो ग्लोबल टेंडर रद्द कर चुका है. पाकिस्तान अब तक सबसे सस्ता दुबई की अलखलीज से 540 डॉलर प्रति टन का प्रस्ताव मिला है जो कि भारत से काफी महंगा है. सवाल है कि आने वाले रमजान के महीने में चीनी को कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान की सरकार क्या कदम उठाती है. कश्मीर मुद्दे को लेकर इमरान खान ने तो भारत से चीनी आयात करने का फैसला वापस ले लिया लेकिन इसका खामियाजा पाकिस्तान की आम जनता को उठाना पड़ सकता है. 

पाकिस्तानी व्यापारियों के अनुसार, पाकिस्तान को 2020-21 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) में 5.6 मिलियन टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है, जो 5,00,000 टन की कमी का सामना कर रहा है. वहीं भारत ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है जिसने 2020-21 के विपणन वर्ष में 6 मिलियन टन चीनी निर्यात करने का लक्ष्य रखा है.

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