दिल्ली में एक बार फिर से हो सकती हैं तेज बारिश, मौसम विभाग ने…

बंगाल की खाड़ी और पूर्वी राजस्थान में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने से दिल्ली में रविवार को एक बार फिर तेज बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती है। दिल्ली में शनिवार को भी भारी बारिश दर्ज की गई थी, जिससे दिल्ली में मॉनसून के दौरान बारिश का 46 साल का रिकॉर्ड टूट गया। बारिश से कई इलाकों में भारी जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसकी वजह से दिल्ली हवाई अड्डे पर विमानों का परिचालन प्रभावित हुआ और कई सड़कों पर भारी जाम लग गया और पानी से भरे अंडरपास में कई यात्री अपने वाहनों के साथ फंस गए।

मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली, एनसीआर, पंजाब और राजस्थान में सोमवार सुबह तक बारिश जारी रहेगी। पूर्वी राजस्थान और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाले सिस्टम के और तेज होने की संभावना है।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक आर.के. जेनामनी ने कहा कि राजधानी दिल्ली में पिछले 121 साल में इस बार सबसे अधिक 24 घंटे बारिश हुई। दिल्ली में चार महीनों में 1139 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जो 46 साल का रिकॉर्ड है।

रविवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। वहीं 08.30 बजे सापेक्षिक आर्द्रता 100 प्रतिशत रही।  

दिल्ली में हुई बारिश से टूटा 46 साल का रिकॉर्ड

दिल्ली वालों की शनिवार की सुबह बादलों के गड़गड़ाने और बिजली के चमकने के साथ शुरू हुई थी। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में सुबह साढ़े पांच से लेकर शाम साढ़े पांच बजे तक 121.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इससे पहले महीने की शुरुआत के लगातार दो दिन 100 मिलीमीटर – एक सितंबर को 112.1 मिमी और दो सितंबर को 117.7 मिमी-से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी)के मुताबिक सितंबर में दिल्ली में प्रचुर मात्रा में बारिश हुई। शनिवार तक इस महीने में 383.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो गत 77 साल में सबसे अधिक है। मौसम विभाग ने रविवार को भी आसमान में बादल छाए रहने और मध्यम से हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। 

जलजमाव की वजह से आईटीओ, रिंग रोड, मुकरबा चौक, आजादपुर, पुल प्रहालादपुर और रोहतक रोड पर भारी यातायात जाम देखने को मिला। अधिकारियों ने बताया कि भारी जलजमाव की वजह से पुल प्रह्लादपुर अंडरपास को यातायात के लिए बंद करना पड़ा। डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास रिंग रोड, आईटीओ, एनएच-48 (हवाई अड्डा रोड),मोती बाग और आरके पुरम के अलावा मधु विहार, हरि नगर, रोहतक रोड, बदरपुर, सोम विहार, आईपी स्टेशन के समीप रिंग रोड, विकास मार्ग, संगम विहार, महरौली-बदरपुर रोड, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, मुनीरका, राजपुर खुर्द, नांगलोई और किराड़ी समेत अन्य मार्गों पर भी जलभराव देखा गया। दिल्ली में पेड़ गिरने की कम से कम 10 घटनाएं सामने आईं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को बताया कि इस साल मॉनसून के अत्यधिक असामान्य मौसम में दिल्ली में अभी तक 1,100 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 46 वर्षां में सबसे अधिक तथा पिछले साल दर्ज की गई बारिश से लगभग दोगुनी है। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि सफदरजंग वेधशाला ने 1975 के मॉनसून के मौसम में 1,150 मिलीमीटर बारिश दर्ज की थी। इस साल बारिश पहले ही 1,100 के आंकड़े को पार कर गई है और मॉनसून का मौसम अभी खत्म नहीं हुआ है।

आईएमडी के अनुसार, सामान्य तौर पर दिल्ली में मॉनसून के मौसम के दौरान 648.9 मिमी बारिश दर्ज की जाती है। मॉनसून का मौसम शुरू होने पर एक जून से 11 सितंबर तक शहर में सामान्य तौर पर 590.2 मिमी बारिश होती है। मॉनसून 25 सितंबर तक दिल्ली से चला जाता है। 

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