सुहागरात पर दुल्हन ने खुद का विडियो बनाकर प्रेमी को किया सेंड और फिर…

इश्क के जुनून में पागल होकर हत्या करने की यह खौफनाक दास्तां है। 23 फरवरी 2013 को ट्रिपलआईटी के छात्र अनुपम पांडेय की कैंपस के गेट पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इस ब्लाइंड मर्डर के खुलासे में जुटी पुलिस के पसीने छूट गए थे। न तो अनुपम के मोबाइल से कोई सुराग मिला और न ही उसके लैपटाप से। पुलिस ने उसकी पत्नी का मोबाइल भी खंगाला, लेकिन कुछ नहीं मिला। लेकिन, कहते हैं न क्रिमिनल कितना भी चालाक हो कोई न कोई सुबूत छोड़ ही देता है।


पुलिस ने जब अनुपम के घर पर उसका पर्सनल कंप्यूटर खंगाला तो रिश्तों में धोखे की बड़ी कहानी सामने आ गई। पत्नी ने सुहागरात पर ही अपने प्रेमी को उसी कंप्यूटर से अपने कुछ वीडियो भेजे थे। इसी आधार पर पुलिस पागल प्रेमी प्रदीप शर्मा तक पहुंच गई, जिसने इस नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पहले पत्नी को गिरफ्तार किया गया, बाद में प्रेमी को भी पकड़ लिया गया।


लखनऊ के तालकटोरा थाना क्षेत्र के राजाजी कॉलोनी इलाके के रहने वाले डॉक्टर कमलेश पांडेय का बेटा अनुपम (24) धूमनगंज के झलवा स्थित ट्रिपल आईटी से बीटेक कर रहा था। 23 जनवरी 2013 को उसकी शादी भोपाल की रहने वाली सिमरन (परिवर्तित नाम) के साथ हुई थी। नई बहु के आते ही परिवार खुशियों से भर गया था लेकिन ट्रिपल आईटी से इंजीनियरिंग कर रहे अनुपम को शादी के कुछ दिन बाद ही वापस प्रयागराज आना पड़ा क्योंकि परीक्षाएं नजदीक थीं। शादी के ठीक एक महीने बाद 23 फरवरी रात अनुपम हास्टल में पढ़ाई कर रहा था। उसी समय उसके मोबाइल किसी ने फोन किया और वह उससे मिलने गेट तक चला गया।

फोन करने  वाले ने अनुपम के सीने और सिर पर चाकू से एक बाद एक कई वार कर दिए। जब तक गार्ड तथा अन्य लोग पहुंचते, हत्यारा भाग निकला था। अनुपम को अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह कोमा में चला गया था। कुछ दिन बाद अनुपम की अस्पताल में ही मौत हो गई। हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस ने जब अंतिम कॉल करने वाले को ट्रेस करना चाहा तो पता चला वह नंबर फर्जी आईडी से लिया गया था। अनुपम का लैपटाप चेक किया गया। उसकी नई नवेली पत्नी की मोबाइल कॉल डीटेल्स निकाली गई लेकिन कहीं से कुछ भी नहीं पता चल रहा था।

कातिल ने कहीं भी सुराग का एक कतरा भी नहीं छोड़ा था। हार कर पुलिस लखनऊ स्थित अनुपम के घर पर पहुंची। वहां बताया गया कि अनुपम की हत्या की खबर के बाद उसकी पत्नी मायके चली गई थी। बहरहाल पुलिस ने उसे अनुपम के कमरे की तलाशी ली। वहां अनुपम का पर्सनल कंप्यूटर था। पुलिस ने जब ई मेल चेक किया तो उस पर अनुपम की पत्नी ने भी लागिन कर रखा था। पुलिस ने तकनीशियनों के सहारे दोनों के पासवर्ड क्रैक किए। इसी कंप्यूटर में अनुपम की हत्या का पूरा राज मिल गया।

दरअसल सिमरन सुहागरात पर अपने कुछ वीडियो बनाकर अपने एक दोस्त को ईमेल से सेंड किया था। हालांकि वह ईमेल भी फर्जी नाम से था लेकिन आईपी एड्रेस के सहारे भोपाल के प्रदीप शर्मा तक पहुंच गई। पुलिस जब उसके घर पहुंची तो वह नहीं मिला। शक यकीन में बदलने लगा। फिर उसके दूसरे मोबाइल नंबर का पता चला जिससे वह अपनी दोस्त सिमरन से लगातार बात करता था। इसके बाद सिमरन से पूछताछ शुरू हुई। पहले तो उसने साफ साफ इनकार किया लेकिन पुलिस ने जब उसके ही भेजे वीडियो उसको दिखाया तो उसने जुर्म कुबूल कर लिया।


उसने बताया कि वह बचपन से ही प्रदीप से प्यार करती थी। उसी से शादी करना चाहती थी लेकिन प्रदीप कुछ करता नहीं था। इसलिए घर वालों ने उसकी शादी लखनऊ में अनुपम के साथ कर दी। उसने हमेशा प्रदीप को ही अपना हमसफर माना था। धूमनगंज पुलिस ने सिमरन को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद प्रदीप की तलाश शुरू हुई। उसे भी पकड़ लिया। उसने जुर्म कुबूलते हुए बताया कि सिमरन उसी की थी। कोई भी उसे नहीं छीन सकता था। अनुपम की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने सिमरन से शादी की। इसीलिए उसे शादी से ठीक एक महीने बाद मार दिया।

अलग मोबाइल से अपनी दोस्त से बात करता था प्रदीप
प्रदीप इतना शातिर था कि उसने अपनी दोस्त सिमरन से बात करने के लिए अलग मोबाइल का प्रयोग करता था। उसने सिमरन को भी एक मोबाइल दिला रखा था। दोनों उस नंबर का प्रयोग सिर्फ एक दूसरे से बात करने के लिए करते थे। प्रदीप ने अपने कई फर्जी ई मेल भी बना रखे थे। जिस मोबाइल का प्रयोग कर उसने अनुपम को कालेज से बाहर बुलाया था, वह भी उसे फर्जी नाम पते से लिया था। हत्या के बाद उसने मोबाइल और सिम तोड़कर फेंक दिया था। अगर सिमरन वीडियो भेजने के लिए अनुपम के कंप्यूटर का इस्तेमाल न करती तो शायद यह केस इतनी जल्दी और इतनी आसानी से हल न होता।

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