पितृ विसर्जनी पर शहर के गंगा किनारे घाटों पर सुबह से ही पितरों का तर्पण और पिंडदान के लिए उमड़े लोग….

पितृ पक्ष पर विसर्जनी अमावस्या पर शहर के गंगा किनारे घाटों पर सुबह से ही पितरों का तर्पण और पिंडदान के लिए लोग भोर पहर से ही उमड़ते नजर आए। शहर के सरसैय्या घाट, मैस्कर घाट, गंगा बैराज, जाजमऊ सहित बिठूर के विभिन्न घाटों पर सुबह से लोगों ने विधिवत पितरों को याद कर श्राद्ध पूजन व पिंडदान किया। सरसैया घाट पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित श्राद्ध पूजन में देश के वीर जवानों, शहीद पुलिस कर्मियों और कोरोना काल में जान गंवाने वालों लोगों का श्राद्ध पूजन किया गया।

इस बार पितृ पक्ष 16 दिन तक रहा और बुधवार को विसर्जन अमावस्या पर अंतिम पिंडदान किया गया। इसके साथ ही विसर्जन अमवस्या पर वो लोग भी श्राद्ध पूजन करते हैं, जिन्हें पितर के तर्पण सही तिथि का बोध नहीं होता है। अमवस्या पर किया गया पिंडदान पितृ पक्ष की सभी तिथियों जैसा ही फल देता है। इसे देखते हुए बुधवार की भोर पहर से ही सरसैय्या घाट, मैस्कर घाट, गंगा बैराज, जाजमऊ सहित बिठूर के विभिन्न घाटों पर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। गंगा में स्नान करने के बाद घाट पर विधिवत रूप से पितरों को जल अर्पित किया और पिंडदान व श्राद्ध पूजन किया। सरसैया घाट पर गंगा में तर्पण के लिए खास व्यवस्थ की गई थी। लोगों ने गंगा नदी के बीच में खड़े होकर हाथ में कुश लेकर पितृ देव को याद किया और जल छोड़ते हुए पुष्प और तेल अर्पित किया। तर्पण के बाद लोगों ने यथाशक्ति के मुताबिक ब्राह्मणों को दान किया और भोजन कराया। ब्राह्मणों को भोजन कराने से पहले कौवा, गाय और कुत्ते के लिए भोजन निकालकर आमंत्रित किया गया।

 

गंगा किनारे घाटों पर श्राद्ध करने पहुंचे लोगों ने बताया कि पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध पूजन करने से ऋण से मुक्ति मिलती है और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है। पितृपक्ष में प्रतिदिन स्नान करके पितरों का स्मरण और जल दान किया जाता है इसके बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं। सरसैया घाट पर पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के बीच लोगों को श्राद्ध पूजन विधिवत रूप से संपन्न कराया। घाट पर चारों ओर तर्पण करने वालों की भीड़ एकत्र रही। कुछ लोगों ने नाव से गंगा के उस पार जाकर विधिवत रूप से तर्पण पूजन किया। इसी प्रकार कई लोगों ने घरों पर ही पितृ देवता का स्मरण कर श्राद्ध पूजन किया। गंगा बैराज और बिठूर में घाटों पर भोर पहर से ही श्राद्ध पूजन के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे।

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