शीतला सप्तमी पर करें माता की आरती व मंत्रों का जप

शीतला अष्टमी की तरह की कई स्थान पर शीतला सप्तमी मनाई जाती है। इस दिन को बासोड़ा या बसोड़ा भी कहा जाता है। बासोड़ा से एक दिन पहले भोजन बनाया जाता है और पूजा के दिन माता को उसी बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। ऐसे में आप इस खास दिन पर माता शीतला की पूजा के दौरान उनकी आरती व मंत्रों का जप कर सकते हैं।
शीतला सप्तमी (Sheetla Saptami 2025) का व्रत 21 मार्च को किया जाएगा, वहीं शीतला अष्टमी 22 मार्च को मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार, इन तिथियों पर माता शीतला की पूजा-अर्चना करने और उन्हें बासी खाने का भोग लाने से साधक व उसके परिवार को कई रोगों से मुक्ति मिल सकती है।
शीतला माता की आरती (Sheetla Mata Ki Aarti)
जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
रतन सिंहासन शोभित,
श्वेत छत्र भाता ।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें,
जगमग छवि छाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
विष्णु सेवत ठाढ़े,
सेवें शिव धाता ।
वेद पुराण वरणत,
पार नहीं पाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
इन्द्र मृदङ्ग बजावत,
चन्द्र वीणा हाथा ।
सूरज ताल बजावै,
नारद मुनि गाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
घण्टा शङ्ख शहनाई,
बाजै मन भाता ।
करै भक्तजन आरती,
लखि लखि हर्षाता ॥
पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि पर शीतला माता की पूजा-अर्चना का विधान है। माता शीतला को हिंदू धर्म में स्वच्छता एवं आरोग्य की देवी माना जाता है।
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
ब्रह्म रूप वरदानी,
तुही तीन काल ज्ञाता ।
भक्तन को सुख देती,
मातु पिता भ्राता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
जो जन ध्यान लगावे,
प्रेम शक्ति पाता ।
सकल मनोरथ पावे,
भवनिधि तर जाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
रोगों से जो पीड़ित कोई,
शरण तेरी आता ।
कोढ़ी पावे निर्मल काया,
अन्ध नेत्र पाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
बांझ पुत्र को पावे,
दारिद्र कट जाता ।
ताको भजै जो नाहीं,
सिर धुनि पछताता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
शीतल करती जननी,
तू ही है जग त्राता ।
उत्पत्ति व्याधि बिनाशन,
तू सब की घाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
दास विचित्र कर जोड़े,
सुन मेरी माता ।
भक्ति आपनी दीजै,
और न कुछ भाता ॥
जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
शीतला माता के मंत्र –
‘ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः’
”शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।
माता शीतला का वंदना मंत्र –
वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।
मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।