राजस्थान: भारत बंद को लेकर पुलिस सतर्क

जयपुर, जागरण संवाददाता। एससी,एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पक्ष में मंगलवार को सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल होने के बाद राजस्थान पुलिस ने प्रदेश में सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए हैं। राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया का कहना है कि किसी संगठन ने अधिकारिक रूप से भारत बंद की बात नहीं कही है,लेकिन सोशल मीडिया पर चल रहे मैसेज को देखते हुए कानून-व्यवस्था कायम रखने के पूरे प्रबंध किए गए हैं । उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं ।

पुलिस महानिदेशक ओ.पी.गहलोत्रा के निर्देश पर जयपुर,अलवर,करौली,सवाई माधोपुर,टोंक सहित कई जिलों में पुलिस ने सोमवार दिन में फ्लैग मार्च किया। कुछ जिलों में मंगलवार सुबह पुलिस फ्लैग मार्च करेगी । संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एनआरके रेड्डी ने बताया कि प्रदेशभर के पुलिस थानों से मिली रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश लोगों से बंद का समर्थन नहीं किया है। कोई भी संगठन खुलकर बंद के समर्थन में आगे नहीं आया । कुछ स्थानों पर व्यापारियों ने स्वेच्छा से दो घंटे बाजार बंद रखने की बात कही है ।

दो अप्रैल को दलितों के भारत बंद के खिलाफ अाज अारक्षण विरोधियों की तरफ से भारत बंद का अह्वान किया गया है। नौकरियों और शिक्षा में जाति आधारित आरक्षण के विरोध में कई जगहों पर प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं।  इससे पहले दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद बुलाया था। दलितों के इस प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया था। इस प्रदर्शन में 10 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। पिछली बार की तरह इस बार कोई बड़ी घटना ना हो इसलिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद किया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि अपने इलाकों में होने वाली किसी भी हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।

गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर जाति के आधार पर आरक्षण के खिलाफ ओबीसी और जनरल वर्ग के कई संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है। सोशल मीडिया पर इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वाट्सएप पर इस मैसेज को खूब शेयर किया जा रहा है और लोगों से भारत बंद का समर्थन करने की अपील की जा रही है।

इसे देखते हुए सभी राज्य सरकारों को सुरक्षा चाक चौबंद करने और हिंसा रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। इसके तहत संवेदनशील स्थानों पर गस्त बढ़ाना और बंद के दौरान उत्पात की आशंका वाले जगहों पर पुलिस बल की तैनाती शामिल है। गृहमंत्रालय ने राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इस दौरान किसी तरह की जान-माल का नुकसान नहीं होना चाहिए। यदि किसी क्षेत्र में ऐसा होता है, तो उसके लिए सीधे तौर पर उस इलाके के एसएसपी और डीएम को जिम्मेदार माना जाएगा।

 
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