अब पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम लोगों को जल्द ही मिल जाएगी निजात, एथेनॉल से रफ्तार भरेंगे वाहन

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जल्द ही सभी वाहन इथेनॉल से चल सकेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश में और अधिक इथेनॉल पंप होंगे। एक कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि चूंकि पेट्रोल की कीमत बायो-एथेनॉल से अधिक हैं। इसलिए जनता वायु प्रदूषण में कमी के साथ-साथ अधिक बचत कर सकेगी।

इथेनॉल उत्पादन की ओर मुड़ने की जरूरत
गडकरी ने आगे कहा कि ऑटो रिक्शा से लेकर हाई-एंड कारों तक सभी वाहन जल्द ही इथेनॉल से चल सकेंगे। मंत्री ने समय-समय पर इथेनॉल उत्पादन के पैमाने को बढ़ाने के लिए देश की आवश्यकता का समर्थन किया है। हाल ही में कहा है कि किसानों को लाभप्रदता बढ़ाने के साथ-साथ आपूर्ति बढ़ाने के लिए पारंपरिक फसलों को उगाने के बजाय इथेनॉल उत्पादन की ओर मुड़ने की जरूरत है।

बढ़ाना होगा उत्पादन

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वाहनों में फ्लेक्स ईंधन इंजन की आवश्यकता मुख्य रूप से इस तथ्य पर आधारित है कि देश ईंधन के आयात पर हर साल लगभग 8 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है। यह आंकड़ा कम हो सकता है यदि फ्लेक्स ईंधन का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। इस प्रकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाना होगा।

फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का निर्माण शुरू
पिछले हफ्ते मंत्री ने कार निर्माताओं को छह महीने के भीतर वाहनों में लचीले-ईंधन इंजन पेश करने के लिए एक सलाह जारी की। मंत्री ने फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पर एक फाइल पर हस्ताक्षर किए, जो कार निर्माताओं को अपने वाहनों के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाने की सलाह देती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हरित और वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि टीवीएस मोटर्स और बजाज ऑटो जैसी ऑटो कंपनियों ने अपने दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए भी फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का निर्माण शुरू कर दिया है।

फ्लेक्स-ईंधन या लचीला ईंधन एक वैकल्पिक ईंधन है, जो पेट्रोल को मेथनॉल या इथेनॉल के साथ मिलाकर बनाया जाता है। फ्लेक्स-ईंधन को इसकी जैव ईंधन प्रकृति के कारण पेट्रोल की तुलना में कम प्रदूषक के रूप में दावा किया जाता है। फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पेट्रोल और बायोफ्यूल दोनों पर भी चल सकते हैं।

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