सुनामी और भूकंप से जूझते इंडोनेशिया में अब ज्वालामुखी का कहर

पिछले हफ्ते आए भीषण भूकंप और सुनामी से पस्त पड़े इंडोनिशिया में बुधवार को ज्वालामुखी विस्फोट हुआ. इस विस्फोट ने लोगों की परेशानियां और बढ़ा दी हैं.सुनामी और भूकंप से जूझते इंडोनेशिया में अब ज्वालामुखी का कहर

पिछले हफ्ते यहां भयानक भूकंप आया था जिसमें कई लोगों के मारे जाने की खबर है. मृत लोगों को निकालने और जख्मी लोगों को बचाने के लिए बड़े स्तर पर राहत अभियान चल रहा है. इस बीच पालू के उत्तर पश्चिम हिस्से में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण राहत अभियान में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

इंडोनेशिया के आपदा प्रबंधन अधिकारियों का कहना है कि बुधवार को उत्तर सुलावेसी में माउंट सोपुतन ज्वालामुखी फट गया. मीडिया रिपोर्टों में आई इस घटना की तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि ज्वालामुखी का गुबार कितना ऊंचा उठ रहा है. धुएं का गुबार 4 हजार मीटर तक उठने की आशंका जताई गई है.

माउंट सोपुतन के उत्तर पश्चिम इलाके में ज्वालामुखी से निकली राख दूर दराज के इलाकों तक फैलने की संभावना जताई जा रही है. राहत एजेंसी बीएनपीडी के मुताबिक, फिलहाल राख और धुएं से देश-विदेश की उड़ानों पर असर पड़ने की कोई संभावना नहीं है.

इंडोनेशिया में भूकंप और सुनामी के बाद आई तबाही को कई दिन भले ही बीत गए हों लेकिन बर्बादी का मंजर अब भी ज्यों का त्यों ही है. शुक्रवार को आई आपदा के बाद से अब तक यहां किसी तरह की मदद नहीं पहुंची है. खाली पड़े घरों में फिलहाल के लिए शरण लिए हुए लोगों में मदद न मिल पाने को लेकर गुस्सा है.

भोजन, मेडिकल मदद, तेल और शरण के अभाव से जूझ रहे छोटे गांवों के लोग इतने दिनों में भी मदद न मिलने की वजह से नाराज हैं. इंडोनेशिया सरकार मदद पहुंच पाने के लिए संघर्ष कर रही है और राहत और बचाव कार्य प्रांत की राजधानी पालू शहर तक केंद्रित है. अधिकारियों ने इस बात को माना कि उन्हें तीन बाहरी क्षेत्रों में रह रहे लोगों की दुर्दशा के बारे में बहुत ज्यादा इल्म नहीं था. डोंग्गाला, सिगी और पारिगी मुंटोंग रीजेंसी में धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अलग-थलग पड़े गांव और कस्बे के लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि बचावकर्ता उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैँ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button